केंद्र सरकार ने इस बार रबी फसलों (Rabi Crops) की तैयारी को लेकर बड़ा ऐलान किया है. सरकार के पास जरूरत से ज्यादा बीज उपलब्ध हैं और उत्पादन लक्ष्य भी नया रिकॉर्ड बनाने वाला है. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने साफ कहा कि अब खेती को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य मिलकर काम करेंगे, ताकि किसानों की आमदनी बढ़े और देश में खाद्यान्न उत्पादन नई ऊंचाइयों पर पहुंचे.
रबी अभियान में नया उत्पादन लक्ष्य
दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन-रबी अभियान 2025 में इस बार उत्पादन का बड़ा लक्ष्य तय किया गया है. सरकार ने 2025-26 के लिए 362.50 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य रखा है. पिछले साल का उत्पादन 353.96 मिलियन टन था, यानी इस बार सरकार और किसान दोनों को मिलकर और ऊंचाई छूनी है.
पिछले साल रिकॉर्ड उत्पादन से बढ़ा हौसला
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि पिछले साल देश का कुल खाद्यान्न उत्पादन 353.96 मिलियन टन तक पहुंच गया था. यह पिछले साल के मुकाबले 21.66 मिलियन टन ज्यादा है. धान, गेहूं, मक्का, मूंगफली और सोयाबीन जैसी फसलों ने रिकॉर्ड बनाया. तय लक्ष्य 341.55 मिलियन टन से यह उत्पादन 12.41 मिलियन टन अधिक रहा.
एक राष्ट्र-एक कृषि-एक टीम की सोच
इस बार का रबी सम्मेलन केंद्र और राज्यों के संयुक्त प्रयासों पर आधारित है. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि एक राष्ट्र-एक कृषि-एक टीम की सोच के साथ केंद्र और राज्य मिलकर खेती को आगे बढ़ा रहे हैं. पहले यह सम्मेलन एक दिन का होता था, लेकिन इस बार इसे दो दिन का रखा गया ताकि गहराई से हर विषय पर चर्चा की जा सके.
जलवायु, बीज और प्राकृतिक खेती पर फोकस
सम्मेलन में छह अहम विषयों पर चर्चा हुई. इनमें जलवायु परिवर्तन से निपटने की तैयारी, गुणवत्तापूर्ण बीज-उर्वरक, बागवानी, प्राकृतिक खेती, कृषि विज्ञान केंद्रों की भूमिका और योजनाओं का समन्वय शामिल रहा. दलहन-तिलहन की पैदावार बढ़ाने और एकीकृत कृषि प्रणाली को मजबूत करने पर भी विस्तार से विचार हुआ.
बाढ़ प्रभावित राज्यों पर सरकार की नजर
कृषि मंत्री ने बाढ़ प्रभावित राज्यों की स्थिति पर चिंता जताई. पंजाब, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हरियाणा और असम में बाढ़ से नुकसान हुआ है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि इन राज्यों को मदद पहुंचाने में कोई कमी नहीं रखी जाएगी. साथ ही, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को जल्द से जल्द बीमा राशि दिलाने की कोशिश हो रही है.
बीज, खाद और उर्वरक की पर्याप्त व्यवस्था
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि रबी फसलों के लिए 229 लाख मीट्रिक टन बीज की जरूरत है, जबकि सरकार के पास करीब 250 लाख मीट्रिक टन बीज मौजूद हैं. यानी किसानों को किसी तरह की कमी नहीं होगी. उर्वरक और खाद की आपूर्ति भी राज्यों की जरूरत के हिसाब से पूरी की जाएगी.
लैब से लेकर खेत तक वैज्ञानिकों की टीम
केंद्र सरकार इस बार भी विकसित कृषि संकल्प अभियान चलाएगी. इसके तहत वैज्ञानिकों और कृषि अधिकारियों की दो हजार से ज्यादा टीमें गांव-गांव जाकर किसानों को सही तकनीक और जानकारी देंगी. इसमें कृषि विश्वविद्यालयों, एफपीओ और प्रगतिशील किसानों की भी भागीदारी होगी. प्रधानमंत्री मोदी के लैब टू लैंड आह्वान को आगे बढ़ाया जाएगा.
नकली बीज-कीटनाशक पर सख्ती
कृषि मंत्री ने यह भी बताया कि राजस्थान समेत कई राज्यों ने नकली बीज, कीटनाशक और उर्वरक बेचने वालों पर छापे मारे हैं. इन कार्रवाइयों से अच्छा असर हुआ है. आगे भी केंद्र और राज्य मिलकर दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे. किसानों को यह भरोसा दिलाया गया कि खेती के लिए उन्हें केवल असली और भरोसेमंद सामग्री ही मिलेगी.
किसानों को पूरा न्याय दिलाएंगे
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का किसानों के हितों का ख्याल रखने के लिए सभी की तरफ से धन्यवाद किया. साथ ही उन्होंने GST के बड़े सुधारों को हर गांव तक पहुंचाने और उसका फायदा सब तक पहुंचाने के लिए सभी से मिलकर काम करने की अपील की. शिवराज सिंह ने सभी से प्रधानमंत्री मोदी की बात मानकर स्वदेशी चीजें अपनाने का भी अनुरोध किया. साथ ही केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि किसान कॉल सेंटर को प्रभावी बनाने की कोशिश की जा रही है, राज्य स्तर भी इसके लिए असरकारी तंत्र होना चाहिए. शिवराज सिंह ने जोर देकर कहा कि किसानों की शिकायतों के समाधान के साथ ही किसानों को पूरा न्याय दिलाएंगे.
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