NCRB रिपोर्ट: पंजाब, हरियाणा और हिमाचल में कीटनाशकों से 1,197 मौतें, चौंकाने वाले हैं आंकड़े

हरियाणा इस सूची में चौथे नंबर पर है, जहां 570 लोग कीटनाशक सेवन से मरे. पंजाब में 549 मौतें हुईं और हिमाचल प्रदेश में 78 लोग इस कारण अपनी जान गंवा बैठे.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 3 Oct, 2025 | 12:00 PM

Pesticide Poisoning Deaths: खेती के लिए इस्तेमाल होने वाले कीटनाशक और फसल रसायन अब सिर्फ फसलों को नहीं, बल्कि लोगों की जान को भी खतरे में डाल रहे हैं. साल 2023 में पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में कीटनाशकों के गलती से सेवन से कुल 1,197 लोगों की मौत हुई. यह जानकारी हाल ही में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट “Accidental Deaths and Suicides in India 2023” में सामने आई.

हरियाणा इस सूची में चौथे नंबर पर है, जहां 570 लोग कीटनाशक सेवन से मरे. पंजाब में 549 मौतें हुईं और हिमाचल प्रदेश में 78 लोग इस कारण अपनी जान गंवा बैठे.

पुरुषों और महिलाओं पर असर

रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में 439 पुरुष और 110 महिलाओं की मौत हुई. हरियाणा में 412 पुरुष और 158 महिलाएं मरीं. हिमाचल प्रदेश में 57 पुरुष और 21 महिलाओं की जान गई.

देशभर में कुल 7,743 लोग आकस्मिक कीटनाशक सेवन से मरे, जिनमें 5,418 पुरुष, 2,324 महिलाएं और एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति शामिल थे. केवल यह तीन राज्य देश में हुई कुल मौतों का 15.5 फीसदी हिस्सा बनाते हैं.

कैसे हो रही हैं ये मौतें

पंजाब कृषि विभाग के अधिकारी बताते हैं कि अधिकतर हादसे स्प्रे करते समय रसायन सांस के माध्यम से शरीर में जाने या खेतों में रखे रसायनों का गलती से सेवन करने से होते हैं.

विशेषकर पैराक्वाट क्लोराइड जैसे जहरीले हर्बिसाइड्स की अधिकता चिंता का विषय है. यह पौधों को मारने के लिए उपयोग होता है, लेकिन पंजाब में इसे मूंग और मक्का जैसी फसलें जल्दी सुखाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है. इसका गलती से सेवन खतरनाक साबित हो रहा है.

युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा प्रभावित

एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि मृतकों में अधिकांश 18 से 45 वर्ष की उम्र के सक्रिय लोग थे. 30-45 वर्ष के बीच 2,493 मौतें हुईं, जबकि 18-30 वर्ष की उम्र में 2,393 मौतें दर्ज की गईं. बच्चों की सुरक्षा भी नहीं रही, 14 वर्ष से कम उम्र के 164 बच्चों की जान गई.

बचाव और चेतावनी

विशेषज्ञों का कहना है कि कीटनाशकों और रसायनों का सुरक्षित उपयोग किसानों के लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए. इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम अपनाने चाहिए:

रसायनों को सुरक्षित स्थान पर रखें सभी कीटनाशकों और हर्बिसाइड्स को बच्चों और घर के अन्य सदस्यों की पहुंच से दूर, वेंटिलेशन वाले लॉक किए गए बॉक्स या अलमारी में स्टोर करें.

सुरक्षा गियर का उपयोग करें छिड़काव करते समय हमेशा दस्ताने, मास्क, चश्मा और लंबी आस्तीन वाली ड्रेस पहनें. यह विषैले रसायन के सीधे संपर्क और सांस में जाने के जोखिम को कम करता है.

निर्देशों का पालन करें रसायनों की निर्धारित मात्रा और दिशा-निर्देश का पालन करना जरूरी है. अधिक मात्रा या गलत मिश्रण से जहरीली गैस या विषाक्त धुंध बन सकती है.

बच्चों और पशुओं से दूरी छिड़काव के दौरान और बाद में कम से कम 24 घंटे तक बच्चों और पशुओं को खेत में न जाने दें.

सावधानी से खाली बोतलों को फेंकें इस्तेमाल की गई बोतलों और पैकिंग को सुरक्षित तरीके से नष्ट करें, ताकि कोई गलती से इन्हें न पी ले.

आवश्यकता पड़ने पर तुरंत चिकित्सा यदि किसी को गलती से कीटनाशक का संपर्क या सेवन हो जाए, तो तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केंद्र या हॉस्पिटल पहुंचें.

विशेषज्ञों का कहना है कि खेती में रसायनों का अंधाधुंध और लापरवाह उपयोग केवल फसल को नहीं, बल्कि मानव जीवन को भी गंभीर खतरे में डाल रहा है. किसानों और ग्रामीण परिवारों को जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण और सेमिनार आयोजित करना चाहिए.

सिर्फ सावधानी और सही जानकारी ही इन अनजानी मौतों को रोक सकती है. छोटे कदम, जैसे रसायनों का सुरक्षित भंडारण, सही तरीके से छिड़काव और बच्चों को शिक्षा देना, सालभर में हजारों लोगों की जान बचा सकते हैं.

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Published: 3 Oct, 2025 | 11:58 AM

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