Agriculture News: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (SFAC) छोटे किसानों को संगठित करने में अहम भूमिका निभा रहा है. यह उन्हें आधुनिक बाजार से जोड़ने और कृषि मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने में मदद कर रहा है. उन्होंने कहा कि पारदर्शिता, दक्षता और किसान-केंद्रित सोच SFAC की सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए. दरअसल, केंद्रीय कृषि मंत्री ने ये बातें दिल्ली में आयोजित लघु कृषक कृषि व्यापार संघ की 26वीं प्रबंध मंडल और 21वीं वार्षिक आम सभा की बैठक में कही.
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खास बात यह है कि इस बैठक में वित्त वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक के लेखा खातों और वार्षिक रिपोर्टों को मंजूरी दी गई. साथ ही, 2025-26 के लिए ऑडिटर की नियुक्ति अब GeM पोर्टल के जरिए करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति मिली, ताकि प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध हो. बैठक में SFAC की योजनाओं की समीक्षा की गई. यह संस्था केंद्र सरकार की 10,000 किसान उत्पादक संगठन (FPO) योजना को लागू कर रही है, जिसका उद्देश्य छोटे किसानों को एकजुट कर उन्हें बाजार से जोड़ना और उनकी आय बढ़ाना है. देशभर में सैकड़ों FPO अब व्यावसायिक गतिविधियों में सक्रिय हैं.
मिल रही है पारदर्शी मूल्य और राष्ट्रीय बाजार की सुविधा
इस मौके पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) और प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (PM-MKSSY) के तहत SFAC मत्स्य उत्पादक संगठनों (FFPOs) और सहकारी समितियों को मजबूत बना रहा है, जिससे मछली उत्पादन और विपणन में सुधार हुआ है. ई- राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) के माध्यम से SFAC किसानों को डिजिटल व्यापार का मंच दे रहा है, जिससे उन्हें पारदर्शी मूल्य और राष्ट्रीय बाजार की सुविधा मिल रही है.
उपभोक्ताओं को राहत देने में मदद मिल रही है
वहीं, राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन (NBHM) के तहत SFAC शहद उत्पादक FPOs को आधुनिक प्रसंस्करण और विपणन से जोड़ रहा है. साथ ही यह मूल्य स्थिरीकरण कोष (Price Stabilization Fund) का प्रबंधन भी करता है, जिसके तहत दालों, प्याज और अन्य कृषि उत्पादों की खरीद-भंडारण से कीमतों को स्थिर रखने और उपभोक्ताओं को राहत देने में मदद मिल रही है.
बैठक की अध्यक्षता शिवराज सिंह चौहान ने की
इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की. बैठक में केंद्रीय कृषि सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी, जो उपाध्यक्ष हैं, सहित कई बैंकों और वित्तीय संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.