अब मोटे अनाज की पैदावार होगी डबल, वैज्ञानिक कर रहे हैं उन्नत किस्मों पर काम.. किसानों की बढ़ेगी कमाई

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि अधिक से अधिक पैदावार की चाहत में किसान धड़ल्ले से खाद और कीटनाशकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. यह धरती के स्वाथ्य के लिए हानिकारक है और इंसान के लिए खतरनाक भी.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 10 Nov, 2025 | 03:09 PM

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मोटे अनाज की पैदावार बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक उन्नत किस्मों पर काम कर रहे हैं. जल्द ही मार्केट में ‘श्री अन्न’ यानी मोटे अनाज की बेहतर किस्में आएंगी. इससे पैदावार बहुत अधिक बढ़ जाएगी. ऐसे में किसानों को सीधा फायदा होगा. उन्होंने कहा कि इसलिए किसानों को ‘श्रीअन्न’ की खेती करनी चाहिए. इससे किसानों की कमाई में इजाफा होगा और मिट्टी की सेहत में भी सुधार आएगा. उन्होंने कहा कि ‘श्रीअन्न’ की खेती का मतलब है पानी की बचत. अगर किसान श्री अन्न को अपनाते हैं, तो जहां खाने के लिए पौष्टिक आहार मिलेगा, वहीं सिंचाई की समया से भी छुटकारा मिलेगा. क्योंकि मोटे अनाज की खेती में बहुत कम पानी की जरूरत पड़ती है. इससे भूजल स्तर भी तेजी से बढ़ेगा.

केंद्रीय कृषि मंत्री ने श्री अन्न के महत्व के बारे में कहा कि इसका सेवन करने से शरीर को भरपूर पोषण  मिलता है. इससे इंसान निरोग रहता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में श्री अन्नत को बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि श्री अन्न को बढ़ावा देने के लिए हमे मोटे अनाज की गुणों की चर्चा जन-जन तक करनी होगी, ताकि किसान फिर से अपनी पारंपरिक फसलों की खेती कर सकें.

उन्नत किस्मों पर हो रहा काम

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मौजूदा वक्त में किसानों को जिस फसल की खेती में ज्यादा फायदा होती है, वे उसकी ही खेती करते हैं. अगर किसानों को मोटे अनाज की खेती में लाभ दिखेगा, तो वे मिलेट्स की खेती करेंगे. उन्होंने कहा कि हमने मोटे अनाज की पैदावार बढ़ाने के लिए कृषि वैज्ञानिकों को उन्नत किस्में विकसित करने के निर्देश दिए हैं. हालांकि, कुछ उन्नत किस्में मार्केट में आ भी गई हैं. उनका असर भी दिखने लगा है. पहले ओडिशा जैसे राज्य में प्रति हेक्टेयर रागी की पैदावार  6 क्विंटल थी. लेकिन अब ओडिशा में उपज 12 हेक्टेयर प्रति क्विंटल को पार गई है.

बंजर जमीन पर भी खेती की जा सकती है

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मोटे अनाज ऐसी फसल है, जिसकी बंजर जमीन  पर भी खेती की जा सकती है. इसे खाद की जरूरत भी नहीं पड़ती है. ऐसे में लागत घटती है और कमाई बढ़ता जाता है. साथ ही उन्होंने कहा कि श्री अन्न की प्रोसेसिंग और पैकेजिंग की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए. इससे महिलाओं को रोजगार मिलेगा और किसानों की स्थानीय स्तर पर कमाई भी बढ़ेगी. साथ ही उन्होंने कहा कि हमें फूड हैबिट बदली होगी. हमें जंक फूड से मोटे अनाज की तरफ आना होगा. इससे बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर होगा और किसानों की कमाई में भी बढ़ोतरी होगी.

जैविक खेती की तरफ बढ़ना पड़ेगा

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि अधिक से अधिक पैदावार की चाहत में किसान धड़ल्ले से खाद और कीटनाशकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. यह धरती के स्वाथ्य के लिए हानिकारक है और इंसान के लिए खतरनाक भी. इसलिए हमें जैविक खेती की तरफ बढ़ना पड़ेगा. ऐसे में श्री अन्न की खेती ही एक विकल्प है. बता दें कि कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में ये बातें कहीं.

 

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Published: 10 Nov, 2025 | 02:18 PM

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