भारत- पाक टेंशन से कश्मीर का सेब मार्केट प्रभावित, कीमतों में गिरावट से व्यापारियों को नुकसान

जम्मू-कश्मीर के सेब व्यापारियों को इस सीजन में भारत-पाक टेंशन और खराब मौसम के कारण भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. यातायात बाधित होने और गिरती कीमतों की वजह से 25,000-30,000 टन सेब स्टोरेज में पड़े हुए हैं.

नोएडा | Updated On: 14 May, 2025 | 10:48 PM

जम्मू-कश्मीर के सेब किसानों के लिए यह सीजन काफी मुश्किल भरा साबित हो रहा है. भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव बढ़ने और खराब मौसम की वजह से सेब की बिक्री और कीमतों पर बुरा असर पड़ा है. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और उसके बाद दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष के चलते राज्य से बाहर सेब की सप्लाई प्रभावित हो गई है. इसके अलावा बार-बार भारी बारिश होने के चलते जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे अक्सर बंद हो जाता है. इसकी वजह से भी सेब की  सप्लाई में प्रॉब्लेम आ रही है. ऐसे में कश्मीर घाटी की 50-60 कंट्रोल्ड एटमॉस्फियर (CA) कोल्ड स्टोरेज में हजारों टन सेब बिकने के इंतजार में पड़े हुए हैं. लेकिन फिर भी किसानों की उम्मीद है कि जल्द ही दाम सुधरेंगे, इसलिए वे अभी अपना माल बेच नहीं रहे हैं.

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रूट मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद अशरफ वानी ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद हुई सैन्य कार्रवाई और सीमा पर बढ़े तनाव की वजह से न सिर्फ सेब की सुचारु ढुलाई प्रभावित हुई है, बल्कि दिल्ली, गुजरात और पंजाब जैसे बड़े बाजारों में इसके दाम भी गिर गए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि घाटी से बाहर जाने वाले ट्रकों की संख्या में भी कमी आई है.

30,000 टन सेब अभी भी स्टोरेज में

2024-25 के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार जम्मू-कश्मीर में सेब का उत्पादन 20.3 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है, जिसमें से 15-18 प्रतिशत अभी भी सीए भंडारण में है. JKPICCA के प्रवक्ता इजहान जावेद ने कहा कि लगभग 25,000 से 30,000 टन सेब अभी भी स्टोरेज में हैं. उन्होंने माना कि भारत-पाक तनाव का असर सेब  सप्लाई पर जरूर पड़ा है, लेकिन नेशनल हाईवे की बार-बार बंदी और उसके बाद होने वाले मरम्मत कार्य भी ट्रांसपोर्ट में देरी की बड़ी वजह हैं.

सेब की कीमतों में इतनी गिरावट

इस बार सेब की कीमतों पर काफी असर पड़ा है. मोहम्मद अशरफ वानी के अनुसार, देशभर की थोक फल मंडियों में सेब के दाम नीचे गिर गए हैं. 10-15 किलो की एक क्रेट के दाम इस समय सामान्य से 200 रुपये से 250 रुपयये कम चल रहे हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यही स्थिति बनी रही, तो सैकड़ों सेब किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है.

Published: 14 May, 2025 | 10:39 PM