Karnataka News: उत्तर कर्नाटक के धारवाड़, गदग, हावड़ी, बागलकोट और विजयपुरा जिले के किसानों ने राज्य सरकार पर मक्का खरीद केंद्र खोलने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद शुरू करने में देरी करने का विरोध किया है. धारवाड़ जिले के नवलगुंड तालुक में रैथा सेना कर्नाटक के बैनर तले किसानों ने अनिश्चितकालीन प्रदर्शन शुरू किया. किसानों का कहना है कि भारी मॉनसून बारिश से फसल का लगभग 20 फीसदी हिस्सा बह गया या खेतों में अंकुरित हो गया. बाकी की फसल अब कीमतों में गिरावट का सामना कर रही है. खास बात यह है कि अभी मंडी में मक्के का रेट MSP से 800 रुपये क्विंटल कम है. ऐसे में किसानों को नुकसान हो रहा है. हालांकि केंद्र ने MSP 2,400 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, लेकिन APMC बाजार में व्यापारी केवल 1,400 से 1,600 रुपये प्रति क्विंटल दे रहे हैं.
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, हरी मूंग, प्याज और गन्ना जैसी अन्य फसलें भी संकट में हैं. रैथा सेना के नेता शंकर अम्बाली ने कहा कि सरकार को जागरूक करने के लिए प्रदर्शन जारी रहेगा और तब तक जारी रहेगा जब तक खरीद केंद्र नहीं खुलते. अम्बाली ने कहा कि KMF और NAFED के माध्यम से खरीद में कड़े नियम हैं, जिसके कारण अक्सर फसल गुणवत्ता की वजह से रिजेक्ट कर दी जाती है. उन्होंने कहा कि सरकार को मक्का- हरी मूंग खरीद केंद्रों पर खरीदना चाहिए. खराब गुणवत्ता होने पर कीमत कम हो सकती है, लेकिन खरीद रुकनी नहीं चाहिए.
उत्पादन लागत लगभग दोगुनी हो गई
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र द्वारा 2024 में तय किया गया MSP 2,400 रुपये प्रति क्विंटल अब पुराना हो गया है, क्योंकि उत्पादन लागत लगभग दोगुनी हो गई है. MSP को अब 3,000 रुपये प्रति क्विंटल किया जाना चाहिए. नमी और अन्य मानकों पर सख्त नियम छोटे किसानों को MSP का लाभ नहीं दिला पाएंगे. पूर्व मंत्री शंकर पाटिल मुनेनकोप्पा ने सरकार से तुरंत खरीद केंद्र खोलने और MSP पर 600 रुपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त प्रोत्साहन देने की मांग की.
मक्का 1,890 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है
किसान सदाशिव बंगी ने कहा कि महाराष्ट्र के सांगली में मक्का 1,890 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है, जबकि बागलकोट APMC में यह 200 रुपये कम है. सामान्यतः प्रति एकड़ 27 क्विंटल की पैदावार होती है, लेकिन इस साल भारी बारिश और लंबी मॉनसून के कारण उत्पादन 20 फीसदी कम हुआ है. बंगी ने कहा कि गिरती कीमतों को देखते हुए राज्य सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए. इसी बीच, नारगुंड के किसानों ने भी MSP पर सीधे मक्का खरीद की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.
मक्का खरीदने के निर्देश दिए जाएंगे
वहीं, कल खबर आई थी कि मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने कहा कि राज्य की बड़ी डिस्टिलरीज को जल्द से जल्द इथेनॉल बनाने के लिए मक्का खरीदने के निर्देश दिए जाएंगे. इसके अलावा, पोल्ट्री उद्योग से भी चर्चा की जाएगी, क्योंकि उन्हें भी मक्का की बड़ी आवश्यकता होती है. उन्होंने कहा कि मक्का के दाम गिरने से प्रभावित किसानों की हर तरह से मदद की जाएगी. चूंकि देश में उत्पादन पर्याप्त है, इसलिए केंद्र सरकार को 70 लाख टन मक्का के आयात पर रोक लगाने के लिए पत्र लिखा जाएगा.