Telangana News: तेलंगाना में धान खरीद प्रक्रिया में गड़बड़ियों को रोकने और काम को आसान बनाने के लिए राज्य सरकार ने खरीद केंद्रों पर आधुनिक तकनीक लागू करने का फैसला किया है. अब केंद्रों पर पैडी हस्कर मशीनें लगाई जाएंगी, जो धान की उत्तम किस्म की पहचान करेंगी. फिलहाल कर्मचारियों को धान की गुणवत्ता जांचने के लिए हाथ से खोलकर दाने जांचने पड़ते हैं, लेकिन मशीनों के आने से यह प्रक्रिया तेज और सटीक हो जाएगी. नई मशीनें धान की जांच प्रक्रिया को पूरी तरह स्वचालित कर देंगी. बस एक मुट्ठी धान मशीन में डालते ही उसका छिलका अपने आप निकल जाएगा, जिससे अधिकारी दाने की लंबाई, चौड़ाई और प्रतिशत को ग्रेन कैलीपर (डायल माइक्रोमीटर) से माप सकेंगे.
जिन दानों की लंबाई 6 मिमी से अधिक और चौड़ाई 2 मिमी से कम होगी, उन्हें उत्तम किस्म (फाइन वैरायटी) माना जाएगा और ऐसे धान पर 500 रुपये का बोनस मिलेगा. हर धान खरीद केंद्र (PPC) में दो पैडी हस्कर मशीनें लगाई जाएंगी. फाइन वैरायटी की पहचान के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है. उत्तम धान वाले बोरे लाल धागे से सिलकर ‘S’ अक्षर से चिन्हित किए जाएंगे, जबकि सामान्य धान वाले बोरे हरे धागे से सिलेंगे.
कम धान बेचने पर लेनी होगी मंजूरी
टेनेट किसान (पट्टेदार नहीं होने वाले किसान) को अपनी उपज बेचने से पहले कृषि विभाग के अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी. जो किसान 50 बोरों से कम बेचते हैं, उन्हें कृषि विस्तार अधिकारी (AEO) से मंजूरी लेनी होगी, जबकि 50 से अधिक बोरे बेचने वालों को मंडल कृषि अधिकारी की अनुमति जरूरी होगी. राज्य सरकार द्वारा फाइन वैरायटी धान पर 500 रुपये बोनस दिए जाने से अब अधिकांश किसान उच्च गुणवत्ता वाले धान की खेती की ओर रुख कर रहे हैं. PPC में फसल खरीद AEO द्वारा जारी टोकन के आधार पर की जाएगी. धान बेचते समय किसानों को आधार कार्ड, बैंक पासबुक और पट्टादार पासबुक साथ लाना होगा और अपनी जानकारी को ऑनलाइन प्रोक्योरमेंट मैनेजमेंट सिस्टम (OPMS) में सत्यापित करना होगा.
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धान खरीद आज से हुई शुरू
वहीं, आंध्र प्रदेश में 3 नवंबर से चालू खरीफ सीजन के लिए धान की खरीद शुरू हो गई है. सरकार ने इस बार 51 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य तय किया है. प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए राज्यभर में 3,013 रायतू सेवा केंद्र (RSKs) और 2,061 धान खरीद केंद्र (PPCs) स्थापित किए गए हैं. मंत्री मनोहर ने कहा कि सरकार किसानों से गुणवत्ता मानकों के अनुसार हर एक दाना धान खरीदेगी. वह भी पारदर्शी और परेशानी-मुक्त तरीके से. खरीद प्रक्रिया की निगरानी के लिए करीब 10,700 कर्मचारी जिलों में तैनात किए गए हैं.