बारिश से 1000 हेक्टेयर मक्का की फसल चौपट, किसानों को भारी नुकसान.. अब मुआवजे की है आस

कई खेतों में मक्का के दाने अंकुरित होने लगे हैं. किसानों का कहना है कि कृष्णापुरम, अन्नामंगलम, अरुंबावुर, तालुथलै, विश्वकुडी, थोंदमंदुरै और अरसालुर समेत कई गांवों में लगभग 1,000 हेक्टेयर से ज्यादा मक्का की फसल बारिश से प्रभावित हुई है.

Kisan India
नोएडा | Published: 9 Dec, 2025 | 02:03 PM

Tamil Nadu News: तमिलनाडु के पेरम्बलुर जिले में बारिश से फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. खासकर वेप्पंथटाई ब्लॉक में करीब 1000 हेक्टेयर मक्का फसल की बर्बादी हुई है.ऐसे भी इस जिले में किसान मक्का की खेती बड़े स्तर पर करते हैं. लेकिन पिछले कुछ हफ्तों की लगातार बारिश के बाद भारी नुकसान झेल रहे हैं. ऐसे में किसानों को आर्थिक नुकसान का भय सता रहा है. इस नुकसान से चिंतित किसानों ने फसल क्षति का तुरंत आकलन करने और मुआवजा देने की मांग की है.

इस साल जिले में लगभग 75,000 हेक्टेयर में मक्का की खेती  हुई है, जिनमें से 45,000 हेक्टेयर भूमि बीमित थी. किसान (जुलाई मध्य) और पुरत्तासी (सितंबर मध्य) के बीच बुवाई कर चुके थे, इसलिए शुरुआती बुवाई की फसल अब पक चुकी थी. लेकिन लगातार बारिश के चलते पिछले महीने खेतों तक पहुंचना मुश्किल हो गया, जिससे तैयार फसल बर्बाद हो गई. हालांकि मॉनसून में जिले में सामान्य से कम बारिश हुई थी, पिछले महीने की लगातार बारिश से फसल गिर गई और खेत मशीन द्वारा कटाई के लिए उपयुक्त नहीं रहे.

1,000 हेक्टेयर मक्का की फसल प्रभावित

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कई खेतों में मक्का के दाने अंकुरित होने लगे हैं. किसानों का कहना है कि कृष्णापुरम, अन्नामंगलम, अरुंबावुर, तालुथलै, विश्वकुडी, थोंदमंदुरै और अरसालुर समेत कई गांवों में लगभग 1,000 हेक्टेयर से ज्यादा मक्का की फसल बारिश से प्रभावित हुई है. कई किसानों ने कृषि अधिकारियों से शिकायत की है और खेतों का निरीक्षण व फसल नुकसान  का आकलन करने की मांग की है. कृष्णापुरम के किसान जे. मथियाझगन ने कहा कि उन्होंने छह एकड़ भूमि पर मक्का की खेती की थी और प्रति एकड़ करीब 25,000 रुपए खर्च किए. जब वे फसल की कटाई की तैयारी कर रहे थे, लगातार बारिश ने पूरी फसल को गिरा दिया. अब इसे बचाने का कोई तरीका नहीं बचा.

बारिश जारी रही तो बाकी फसल भी नष्ट हो जाएगी

अरसालुर के पी. सामिदुराई ने कहा कि उनके चार एकड़ खेत में से करीब 1.5 एकड़ हिस्सा बारिश और तेज हवा  से प्रभावित हुआ. ऐसे में गिरी हुई फसल आसानी से पशु और चूहों का शिकार बन सकती है. अगर बारिश जारी रही, तो बाकी फसल भी नष्ट हो जाएगी. सामान्यतः उन्हें प्रति एकड़ 25 झोले मक्का मिलते हैं, लेकिन अब 5 से 10 झोले भी मुश्किल से मिलेंगे. कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसानों की शिकायतें मिल चुकी हैं. वेप्पंथटाई ब्लॉक के कुछ क्षेत्रों का निरीक्षण कर लिया गया है. अब सभी प्रभावित क्षेत्रों का आकलन कर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.

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