Rabi Season Farming: भारत में आज भी देश की कुल आबादी का एक बहुत बड़ा हिस्सा अपनी आजीविका के लिए खेती-किसानी पर ही निर्भर है. किसानों की यही कोशिश होती है कि उनकी फसल अच्छे से बढ़े, ताकि उन्हें अच्छी पैदावार मिल सके और उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हो सके. वहीं, रबी सीजन की शुरुआत होने वाली है और अब देशभर के किसान रबी फसलों की खेती की तैयारियों में जुट गए हैं. ऐसे में जरूरी है कि किसान रबी फसलों की बुवाई से पहले खास 5 बातों का खास खयाल रखें, ताकि उनकी खेती टिकाऊ और लंबे समय तक अच्छी पैदावार देने वाली हो.
1- मिट्टी की जांच है बेहद जरूरी
किसी भी फसल की खेती करने से पहले सबसे जरूरी कदम होता है मिट्टी की जांच (Soil Test) करना, ताकि किसानों को इस बात की जानकारी हो सके कि उनके खेती की मिट्टी किस तरह की फसल की खेती के लिए सही है. इसके लिए किसान मिट्टी जांच केंद्र में अपने खेती की मिट्टी का सैंपल देकर मिट्टी की जांच करा सकते हैं. इसके अलावा मोबाइल आधारित सॉइल टेस्टिंग किट, सरकारी लैब, केवीके या जिला कृषि विभाग की मदद से किसान खेत की मिट्टी का pH, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम का स्तर खुद जान सकते हैं.
2- सिंचाई की सही तकनीक का इस्तेमाल
फसल से अच्छा उत्पादन लेने के लिए केवल सही विधि से बीज बुवाई और मिट्टी की तैयारी ही काफी नहीं है, बल्कि बीज बुवाई या पौधों की रोपाई करने के बाद ये सुनिश्चित करना जरूरी है कि फसल को सही और भरपूर मात्रा में पानी यानी सिंचाई दी जा रही है या नहीं. लगातार घटते जल्स्तर को देखते हुए सरकार की ओर से किसानों को सब्सिडी पर ड्रिप- स्प्रिंकलर सिंचाई (Drip-Sprinkler System) सिस्टम मुहैया कराए जा रहे हैं. बता दें कि इन आधुनिक सिंचाई उपकरणों के खेत को पर्याप्त पानी भी मिलता है और 40 से 50 फीसदी तक जल संरक्षण में भी मदद मिलती है.
3- आधुनिक मशीनों से करें फसल कटाई
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रबी सीजन (Rabi Season) की खेती करने वाले किसानों के सामने सबसे बड़ी चुनौती होती है फसल तैयार हो जाने के बाद कटाई के लिए मजदूरों का न मिलना. ऐसे में किसानों को सलाह दी जाती है कि वे फसल कटाई के लिए कंबाइन हार्वेस्टर या रीपर बाइंडर जैसी मशीनों का इस्तेमाल करें जो कि एक साथ कई मजदूरों का काम अकेले ही कर सकती हैं और वो भी कम समय में. बता दें कि, कंबाइन हार्वेस्टर गेहूं, जौ, चना जैसी फसलों की कटाई, मड़ाई और सफाई एक साथ कर देता है. वहीं, रीपर बाइंडर मशीन खेत में फसल काटकर उसका बंडल तैयार कर देती है.
4- स्मार्ट तरीके से करें बीज बुवाई
किसान चाहें तो रबी सीजन की प्रमुख फसलें जैसे गेहूं, चना और सरसों के बीजों की बुवाई के लिए स्मार्ट सीड ड्रिल और जीरो टिलेज तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं. बता दें कि, इन तकनीकों की मदद से खेत की जुताई नहीं करनी पड़ती और बीज सीधे मिट्टी में बोए जाते हैं. इस तरह न केवल समय बचता है बल्कि डीजल की बचत के साथ-साथ मिट्टी की नमी भी बनी रहती है, जिसके कारण फसल की क्वालिटी और क्वांटिटी बेहतर होती है.
5- किसानों को प्रमाणित बीज खरीदने की सलाह
केंद्रीय विज्ञान केंद्र, बुलंदशहर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. लक्ष्मीकांत सारस्वत किसानों को ये सलाह देते हैं कि वे प्रमाणित और भरोसंमंद जगह से ही बीजों की खरीद करें ताकि, फसलों से अच्छी क्वालिटी और रोगमुक्त उत्पादन लिया जा सके. उन्होंने बताया कि गेहूं के लिए डीबीडब्ल्यू-303, डीबीडब्ल्यू-327, डीबीडब्ल्यू-187; चना के लिए राधे, अवरोधी, गौरव, पूसा काबुली बीजी-1003: मटर के लिए अर्किल, पी-10; और सरसों के लिए गिरिराज, चुनें. ये सभी बीज सूखा प्रतिरोधी हैं और कम पानी में भी अच्छी पैदावार देते हैं.