मेरठ के आईआईएमटी विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय प्रथम अखिल भारतीय किसान मेला धूमधाम से जारी है. दूसरे दिन मेला परिसर रंग-बिरंगी प्रस्तुतियों और पशुओं की शानदार प्रदर्शनी से गुलजार रहा. हरियाणा से आए किसान नरेंद्र सिंह के 8 करोड़ के मुर्रा नस्ल के भैंसा ने सबकी नजरें अपनी ओर खींच लीं. खासतौर पर भैसे के नाम ‘विधायक’ की वजह से और उसकी चर्चा हुई. अपनी कद-काठी, खूबसूरती और नस्ल के दम पर भैंसा विधायक ने ओवरऑल चैंपियन का खिताब जीता. वहीं राम-लखन नामक प्रसिद्ध बैलों की जोड़ी, हरियाणा के रागिनी कलाकारों और ताऊ बलजीत जी की स्वादिष्ट जलेबी ने मेले में चार चांद लगा दिए.
मेले में ‘विधायक’ भैंसे की धमाकेदार एंट्री
तीन दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेले का गुरुवार को समापन हुआ. इस दौरान हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान से आए किसान अपने-अपने पशुओं को लेकर पहुंचे. गाय, भैंस, बैल और घोड़ों की प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं. मुर्रा नस्ल का भैंसा ‘विधायक’ सबसे आकर्षक साबित हुआ. उसकी कद-काठी, मजबूत शरीर और शानदार दिखावट ने सबका ध्यान खींचा.
कौन हैं पद्म विभूषण नरेंद्र सिंह
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा के मशहूर मुर्रा नस्ल के भैंसे विधायक की कीमत करीब 8 करोड़ रुपये बताई जाती है. इसे पानीपत के पशुपालक नरेंद्र सिंह पालते हैं, जिन्हें बेहतरीन पशुपालन और नस्ल सुधार कार्यों के लिए पद्मश्री सम्मान भी मिल चुका है. विधायक न सिर्फ अपने विशाल कद-काठी और खूबसूरती के लिए जाना जाता है, बल्कि हर साल 40-50 लाख रुपये का सीमन बेचकर कमाई भी करता है, जिस वजह से यह पूरे देश में चर्चा का विषय बना रहता है.
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क्या है विधायक भैंसे का रहस्य
नरेंद्र सिंह ने मीडिया को बताया कि विधायक भैंसा न केवल सुंदर है, बल्कि यह पूरी तरह से सुपरस्टार है. इसका पोषण का तरीका भी खास है. हर दिन यह 10 लीटर से ज्यादा दूध पीता है. इसके अलावा इसे हरा चारा, भूसा, ड्राई फ्रूट और कभी-कभी पनीर भी दिया जाता है. यही वजह है कि इसकी सेहत मजबूत और प्रदर्शन शानदार है. विधायक की विशेषता यह है कि इसे कम देखभाल में भी बड़ा और ताकतवर बनाया जा सकता है.
विधायक भैंसा देख सब मेले में आए लोग चौंके
अखिल भारतीय किसान मेले में विधायक भैंसा ने सबको प्रेरित किया तो वहीं कई लोग चौंकते नजर आए. कई किसान अब मुर्रा और अन्य उन्नत नस्लों को अपनाने पर विचार कर रहे हैं. यह दिखाता है कि पशुपालन सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि आधुनिक कृषि व्यवसाय का मजबूत हिस्सा भी बन सकता है. विधायक जैसे भैंसे किसानों के लिए आर्थिक और व्यवसायिक दृष्टि से बहुत फायदेमंद साबित होते हैं. किसानों ने बताया कि इस तरह के मेले उन्हें अपने पशुओं के विकास और नई तकनीकों के बारे में जानने का मौका देते हैं. इससे पशुपालन व्यवसाय में सुधार और लाभ बढ़ाना संभव है.
सीमन बेचकर सालाना 40 लाख कमाई
दावा है कि विधायक भैंसा का सीमन बेचकर किसान नरेंद्र सिंह को सालाना 40-50 लाख रुपये तक कमाते हैं. इसके अलावा, इसके दूध और पोषण युक्त भोजन के कारण यह स्वस्थ रहता है और भविष्य में भी उच्च गुणवत्ता का सीमन देने में सक्षम है. नरेंद्र सिंह ने बताया कि उनके पास और भी भैंसे हैं, जिन्हें वह नस्ल सुधार और व्यवसाय के लिए पालते हैं. यही वजह है कि विधायक जैसे भैंसे किसान और पशुपालकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुके हैं.
भविष्य की संभावनाएं
विधायक भैंसे जैसी मुर्रा नस्ल की भैंसें राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रही हैं. सही पोषण और देखभाल से इनसे दूध उत्पादन, सीमन बिक्री और अन्य लाभकारी उत्पादों के जरिए अच्छी कमाई की जा सकती है. विशेषज्ञों के अनुसार, भविष्य में इस तरह के मेले किसानों को उन्नत पशुपालन तकनीकें सीखने का अवसर देंगे. इससे पशुपालन व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाने में मदद मिलेगी. साथ ही, इन मेलों में विभिन्न राज्यों के पशुपालक अपने जानवरों का प्रदर्शन कर अनुभव साझा कर सकते हैं, जिससे पूरे देश में पशुपालन की गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार होगा.