सभी फसलों पर एमएसपी गारंटी कानून की मांग को लेकर लंबे समय से लामबंद चल रहे किसान संगठनों ने अब नए मुद्दों के साथ सरकारों को घेरना शुरू कर दिया है. 10 किसान संगठनों के आह्वान पर कुरुक्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में जुटे किसानों ने नए कानून थोपने, खाद वितरण पोर्टल पर शर्तें, धान की खरीद में देरी, वायरस से फसलों को हो रहे नुकसान के खिलाफ सरकार को घेरा. किसान संगठनों ने मुख्यमंत्री के आवास के घेराव की घोषणा की है. किसानों का दावा है कि इसके बाद से सीएम आवास और अन्य नेताओं और पार्टी कार्यालयों पर सुरक्षा मजबूत की जा रही है.
1 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास घेराव का ऐलान
हरियाणा किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा से जुड़े 10 से ज्यादा किसान संगठनों महापंचायत जाट भवन कुरुक्षेत्र में हुई. भारतीय किसान एकता के प्रदेशाध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख ने बताया कि कुरुक्षेत्र जाट भवन में किसानों की मांगों व समस्याओं पर चर्चा के बाद 1 सितंबर को सीएम आवास के घेराव का निर्णय लिया गया है. इस दिन किसान सुबह 10 बजे से ताऊ देवीलाल पार्क पिपली रोड में इकट्ठा होना शुरू हो जाएंगे. इसके बाद प्रदर्शन करते हुए सीएम आवास पर पहुंचेंगे. इसके बाद भी सुनवाई नहीं होने पर बड़ा किसान आंदोलन किया जाएगा.
किसान नेताओं ने कहा कि बीती आठ अगस्त को पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर प्रदर्शन कर अधिकारियों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे गए थे. खेद की बात है कि सरकार ने किसानों की अनदेखी की और मांग पत्र पर विचार नहीं किया. किसानों को वार्ता के लिए भी नहीं बुलाया गया. उन्होंने कहा कि खाद वितरण में पोर्टल की कंडीशन खत्म की जाए और 15 सितंबर से धान की खरीद शुरू की जाए.
इन वजहों से नाराज हैं किसान संगठन
किसान नेताओं ने कहा कि सरकार हर रोज किसानों पर नए-नए कानून थोप रही है जैसे खाद पर पोर्टल की कंडीशन लागू करना, धान की खरीद समय पर शुरू न होना. फिजी वायरस से हुए नुकसान पर अब तक सरकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. इन सभी कारणों से खेती लगातार घाटे का सौदा बन गई है. मांगों का जिक्र करते हुए कहा कि फिजी वायरस से हुए धान की खराब फसल का उचित मुआवजा स्पैशल गिरदावरी करवाकर दिया जाए. फसलों की समय पर खरीद और एमएसपी की गारंटी दी जाए.
नकली बीज से लेकर सिंचाई संकट पर बिफरे किसान नेता
नकली बीज-कीटनाशक पर रोक और खाद के वितरण में पारदर्शिता लाई जाए. नहरों, ड्रेनों की सफाई और सिंचाई सुविधाओं में सुधार किया जाए. भारी बरसात के कारण बाढ़ जैसे हालातों में भी सिरसा, फतेहाबाद व हिसार की नहरों में पानी की सप्लाई नहीं दी जा रही है. ट्यूबवेल कनेक्शन में अनावश्यक प्रक्रियाएं समाप्त की जाएं. बिजली बिल और स्मार्ट मीटर योजना को वापस लिया जाए. फसल बीमा योजना में पारदर्शिता लाते हुए एक एकड़ आधारित सर्वे किया जाए.
नूंह में 18 सितंबर को किसानों का बड़ा जुटान होगा
किसान नेता लखविंदर औलख ने कहा कि 18 सितंबर को नूंह मेवात में चल रहे मोर्चे पर होने वाली महापंचायत में मोर्चे से किसान व किसान नेता पहुंचेंगे. उन्होंने कहा कि हरियाणा किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा से जुड़े किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों ने बैठक में आरपार की लड़ाई का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि किसी कीमत पर स्मार्ट मीटर नहीं लगने देंगे. मांगें ना माने जाने से आक्रोशित किसानों ने घेराव का फैसला किया है. इस दौरान भाजपा के पार्टी कार्यालयों पर भी विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी की जा रही है.