जौ खराब होने की चिंता खत्म! ये घरेलू उपाय रखेंगे हर दाने को सुरक्षित

कई किसान जौ को रबी मौसम में बड़े क्षेत्र में उगाते हैं क्योंकि इसकी लागत कम और उत्पादन अधिक मिलता है. लेकिन जौ की सबसे बड़ी चुनौती इसका भंडारण है. थोड़ी सी भी नमी, गलत तरीके से सुरक्षित रखना या समय पर निरीक्षण न करना इसे कीड़ों और फफूंदी का शिकार बना देता है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 19 Nov, 2025 | 11:42 AM

Storage Tips: जौ भारत का एक प्राचीन और बेहद उपयोगी अनाज है. इसका इस्तेमाल बीयर और शराब उद्योग से लेकर पशु चारे, आयुर्वेदिक औषधियों और स्वास्थ्य उत्पादों में बड़े पैमाने पर किया जाता है. कई किसान इसे रबी मौसम में बड़े क्षेत्र में उगाते हैं क्योंकि इसकी लागत कम और उत्पादन अधिक मिलता है. लेकिन जौ की सबसे बड़ी चुनौती इसका भंडारण है. थोड़ी सी भी नमी, गलत तरीके से सुरक्षित रखना या समय पर निरीक्षण न करना इसे कीड़ों और फफूंदी का शिकार बना देता है. इसलिए जौ को लंबे समय तक सही अवस्था में रखने के लिए कुछ आसान लेकिन असरदार घरेलू उपायों का पता होना बेहद जरूरी है.

कटाई से पहले और बाद की तैयारी बेहद महत्वपूर्ण

जौ को सुरक्षित रखने की शुरुआत कटाई के तुरंत बाद ही होती है. जब फसल खेत से घर आती है तो दानों में नमी बनी रहती है. यदि इसी हालत में जौ को स्टोर कर दिया जाए, तो कुछ ही हफ्तों में यह खराब होने लगता है. इसलिए सबसे पहला काम है जौ को अच्छी तरह सुखाना और साफ करना.

जौ को छांटकर उसमें से पत्थर, भूसी, धूल और टूटे दाने अलग कर देना चाहिए. साफ और सूखे दाने ही लंबे समय तक सुरक्षित रह पाते हैं.

जौ को घर पर कैसे सुरक्षित रखें?

घर पर कम मात्रा में जौ रखने के लिए सरल और किफायती तरीके काफी कारगर होते हैं. एयरटाइट डिब्बे, स्टील के कंटेनर या मजबूत प्लास्टिक ड्राम जौ को सुरक्षित रखने के लिए सबसे बेहतरीन माने जाते हैं. इन कंटेनरों में हवा बिल्कुल भी नहीं जाती जिससे दाने नमी से बच जाते हैं.

अगर जूट की बोरियों में जौ रखना हो तो उन्हें सीधे फर्श पर न रखें. लकड़ी के तख्त या ईंटों के ऊपर बोरियां रखनी चाहिए ताकि नीचे की नमी दानों तक न पहुंच सके. बोरियों और दीवार के बीच थोड़ी जगह रखने से हवा का बहाव बना रहता है और नमी कम होती है.

व्यावसायिक भंडारण

मिलों या व्यापारियों के लिए जौ का व्यावसायिक भंडारण थोड़ा अलग तरीके से किया जाता है. बड़े गोदाम में जौ रखने से पहले वहां साफ-सफाई और कीटनाशक दवाओं से फ्यूमिगेशन जरूर किया जाना चाहिए.

बोरियों को इस तरह जमाना चाहिए कि बीच-बीच में हवा चल सके. कई बार गोदामों में नमी जमा रहती है, ऐसे में पंखे, वेंटिलेशन और नियमित निरीक्षण जरूरी होता है. यदि किसी बोरी में कीड़े या फफूंदी नजर आए तो उसे तुरंत बाकी माल से अलग कर देना चाहिए.

कीड़ों से बचाने के घरेलू और प्राकृतिक उपाय

कई प्राकृतिक तरीके जौ को कीड़ों से बचाने में बेहद कारगर साबित होते हैं.

  • नीम की सूखी पत्तियां बोरियों में डालने से दानों में कीड़े नहीं लगते.
  • कपूर और लौंग भी कीटों को दूर रखते हैं.
  • कुछ किसान सरसों के तेल की हल्की परत दानों में मिलाकर भी उन्हें सुरक्षित रखते हैं.
  • यदि बहुत बड़ी मात्रा में जौ स्टोर किया जा रहा है तो फॉस्फीन टेबलेट जैसी कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल विशेषज्ञ की सलाह पर किया जा सकता है.

भंडारण के दौरान नियमित निरीक्षण क्यों जरूरी?

जौ को स्टोर कर देने के बाद इसे भूल जाना सबसे बड़ी गलती होती है. हर 15–20 दिन में दानों की स्थिति जांचना जरूरी है. इससे नमी, कीड़े या फफूंदी का शुरुआती पता चल जाता है और समय रहते समस्या को रोका जा सकता है. मौसम बदलने पर जौ को दोबारा थोड़ा सुखा लेना भी अच्छा रहता है, खासतौर पर बरसात और सर्दियों में.

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