ग्वार की इस बेहतरीन किस्म की करें खेती, यहां से सस्ते में खरीदें बीज

ग्वार- पीएनबी किस्म की सबसे बड़ी खासियत है कि ये पारंपरिक किस्मों की तुलना में ज्यादा पैदावार देती है. इसकी प्रति हेक्टेयर फसल से किसान 15 से 20 क्विंटल तक पैदावार कर सकते हैं.

नोएडा | Updated On: 7 Jun, 2025 | 05:40 PM

खरीफ सीजन की दलहनी फसलों में ग्वार की फसल एक महत्वपूर्ण फसल है. ग्वार को ग्वारफली या गम ग्वार भी कहा जाता है. यह एक ऐसी दलहनी फसल है जो कम पानी वाले इलाकों में भी अच्छी उपज देती है, जिसके कारण इसे सूखा सहनशील फसलों में शामिल किया गया है. इसकी खेती के लिए जरूरी है कि किसान इसकी उन्नत किस्म का चुनाव करें. ग्वार फली की ऐसी ही एक किस्म है ग्वार- पीएनबी (Clusterbean- PNB). खबर में आगे बात करेंगे क्या है इस किस्म की खासियत और किसान कहां से सस्ते में खरीद सकते हैं इसके बीज.

यहां से खरीदें बीज

किसानों की सहूलियत के लिए सरकार किसानों को खेती से जुड़ी हर संभव मदद करने की कोशिश करती है. इसी कड़ी में राष्ट्रीय बीज निगम (National Seed Corporation) किसानों को हर तरह की फसलों के बीज बाजार से कम कीमतों पर उपलब्ध कराता है. ग्वार की इस किस्म का 10 ग्राम के बीज का पैकेट बाजार में 25 रुपये में मिलता है जबकि बीज निगम यही पैकेट 2 रुपये कम में यानी 23 रुपये में उपलब्ध करा रहा है. किसान चाहें तो ऑनलाइन घर बैठे इसके बीज मंगवा सकते हैं.

National Seed Corporation

Cluster Beans- PNB Variety seeds

क्या है इस किस्म की खासियत

ग्वार- पीएनबी किस्म की सबसे बड़ी खासियत है कि ये पारंपरिक किस्मों की तुलना में ज्यादा पैदावार देती है. इसकी प्रति हेक्टेयर फसल से किसान 15 से 20 क्विंटल तक पैदावार कर सकते हैं. ग्वार-पीएनबी किस्म कम पानी वाले इलाके में भी अच्छी पैदावार देती है. इसके पौधे की लंबाई 1.5 से 2 मीटर तक होती है और इसमें फली उत्पादन भी ज्यादा होता है.

ग्वार की खेती के फायदे

ग्वार एक कम लागत वाली और कम पानी में भी अच्छी उपज देने वाली फसल है. इसकी बुवाई से मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी बढ़ती है. पशुओं के चारे के लिए भी ग्वार का इस्तेमाल किया जाता है. इसके बीज और इसमें मौजूद गोंद यानी गम से किसानों को दोहरा फायदा होता है. ग्वार की खेती मुख्य रूप से राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और मध्य प्रदेश में बड़े पैमाने पर की जाती है.

Published: 7 Jun, 2025 | 05:38 PM