Punjab News: पंजाब में धान की कटाई तेज गति से चल रही है. इसके साथ ही गेहूं की बुवाई के लिए किसानों ने खेत को तैयार करना शुरू कर दिया है. लेकिन इसी बीच किसानों की शिकायत है कि उन्हें प्रयाप्त मात्रा में डाईअमोनियम फॉस्फेट (DAP) खाद नहीं मिल रही है. खासकर संगरूर जिले के किसानों ने आरोप लगाया है कि बाजार में DAP खाद की भारी कमी है. ऐसे में डीलर उनसे ज्यादा दाम वसूल रहे हैं. किसानों का कहना है कि डीलर जबरन उन्हें DAP के साथ अन्य उत्पाद भी खरीदने को मजबूर कर रहे हैं. हालांकि, कृषि अधिकारियों ने DAP की कमी के दावों को खारिज किया है और किसानों से अपील की है कि वे ऐसे डीलरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएं.
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने जून 2024 में DAP की कीमत 1,350 रुपये प्रति 50 किलो बैग तय की थी, लेकिन किसान दावा कर रहे हैं कि उन्हें 1,900 रुपये तक चुकाने पड़ रहे हैं. कनोई गांव के किसान जगदीप सिंह ने कहा कि उन्होंने सहकारी समितियों से संपर्क किया, लेकिन वहां DAP नहीं मिला. एक प्राइवेट डीलर ने उन्हें 1,300 रुपये बिल वाली खाद 1,900 रुपये में दी और साथ में घटिया गुणवत्ता वाले अन्य पोषक तत्व जैसे सल्फर, यूरिया, जिंक या माइक्रोन्यूट्रिएंट्स भी खरीदने को मजबूर किया. उन्होंने कहा कि अगर हम डीलरों की शर्तें नहीं मानते तो वे हमें DAP देने से मना कर देते हैं. हम मजबूर हैं.
कब शुरू होती है गेहूं बुवाई
भारती किसान यूनियन (एकता उगराहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि DAP खाद की कमी और ज्यादा दाम वसूली की असली तस्वीर कुछ दिनों में सामने आएगी, क्योंकि अभी धान की कटाई और गेहूं की बुवाई का काम बड़े स्तर पर शुरू नहीं हुआ है. पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के मुताबिक, गेहूं की बुवाई का सही समय 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच होता है.
क्या कहते हैं अधिकारी
बरनाला के मुख्य कृषि अधिकारी हरबंस सिंह ने कहा कि किसानों से अधिक दाम वसूलने वाले डीलरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं, पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण निदेशक जसवंत सिंह ने कहा कि राज्य में DAP की कोई कमी नहीं है. अगर किसी किसान से ज्यादा पैसे लिए जा रहे हैं, तो वे इसकी लिखित शिकायत करें, उन पर जरूर कार्रवाई होगी.
सरकार ने उठाया था ये सख्त कदम
बता दें कि पिछले साल गेहूं बुवाई शुरू होने से पहले सितंबर महीने में पंजाब कृषि और किसान कल्याण विभाग ने किसानों को खाद के साथ जबरन अन्य कृषि उत्पाद खरीदने के दबाव से बचाने के लिएचार विशेष जांच टीमें बनाई थीं. इन टीमों की निगरानी संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी कर रहे थे. कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने माझा किसान संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद ये फैसला लिया था.