Paddy Cultivation: पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश में धान की कटाई शुरू हो गई है. लेकिन बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में अभी धान में बालियां ही बन रही हैं. ऐसे में ये समय इन राज्यों के किसानों के लिए बहुत अहम है. अगर किसान सही तरह से फसल की देखरेख नहीं करते हैं, तो बालियां पतली रह जाएंगी और धान के दाने वजनदार नहीं बनेंगे. ऐसे में उत्पादन में गिरावट आने से किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है. तो आइए जानते हैं, बालियां आने के साथ किसान को खेत में क्या करने चाहिए, जिससे पैदावार बढ़ जाए.
कृषि एक्सपर्ट के मुताबिक, धान की बालियों को मोटा और दानेदार बनाने के लिए कुछ जरूरी बातें अपनानी चाहिए. बालियां आने के दौरान किसानों को खेत में संतुलित मात्रा में खाद डालनी चाहिए. खासकर फसल को इस समय NPK यानी यूरिया (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश) की जरूरत होती है. अगर किसान चाहें, तो यूरिया के साथ जिंक और सल्फर जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व खेत में डाल सकते हैं. इसके अलावा, बालियों के बनने के समय खेत में सही तरीके से पानी देना बहुत जरूरी है. यानी खेत में ना ज्यादा पानी भरने दें और ना खेत सूखने दें. साथ ही, समय-समय पर कीट और खरपतवार पर नियंत्रण रखना भी जरूरी है, जिससे फसल पर कोई असर ना पड़े. अगर किसान ऊपर बाते गए तरीक से जरूरी देखभाल करते हैं, तो बालियां मोटी, मजबूत और दानेदार बनेंगी. इससे ना सिर्फ उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि धान की गुणवत्ता भी बेहतर होगी, जिससे बाजार में अच्छी कीमत भी मिलेगी.
खेत में NPK डालने से क्या होता है
दरअसल, धान की फसल को सही समय पर पोषण देना बहुत जरूरी होता है. नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश (NPK) का संतुलित इस्तेमाल बालियों को मोटा और दानेदार बनाने में मदद करता है. खासकर टॉप ड्रेसिंग के समय यूरिया का छिड़काव फसल की बढ़वार और बालियों के विकास के लिए फायदेमंद होता है. इसके अलावा, जिक सल्फेट और आयरन जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी भी पूरी करनी चाहिए, क्योंकि इनकी कमी से दाने पूरी तरह विकसित नहीं हो पाते. धान पानी की फसल जरूर है, लेकिन जरूरत से ज्यादा या कम पानी दोनों ही नुकसानदायक होते हैं. खेत में नमी बनी रहनी चाहिए, लेकिन दाने भरने के समय पानी का ठहराव नहीं होना चाहिए. हल्की सिंचाई इस वक्त सबसे बेहतर होती है, जिससे बालियां भरी हुई और मजबूत बनती हैं. ज्यादा पानी से पौधे कमजोर हो सकते हैं और फसल की उपज पर बुरा असर पड़ता है.
कीट से बचाने के लिए क्या करें
अगर खेत में खरपतवार अधिक हो जाएं, तो पौधों को पूरा पोषण नहीं मिल पाता और बालियां पतली रह जाती हैं. इसलिए समय-समय पर खेत की सफाई करना जरूरी है. साथ ही, भूरा तेला (BPH), तना छेदक और पत्ता लपेटक जैसे कीटों से बचाव के लिए समय पर कीटनाशकों का छिड़काव करना चाहिए. क्योंकि सिर्फ स्वस्थ पौधे ही मोटी और दानेदार बालियां बना सकते हैं.