Haryana Wheat Subsidy Hike: रबी सीजन में गेहूं की बुवाई में तेजी लाने और रकबा बढ़ोत्तरी के साथ उत्पादन भी बढ़ाने पर खास जोर है. इसके लिए किसानों को उन्नत किस्मों को अपनाने की सलाह दी जा रही है. इसके साथ ही हरियाणा सरकार ने नवरात्र के मौके पर किसानों को बड़ा तोहफा देते हुए गेहूं की बीजों दी जाने वाली सब्सिडी राशि को बढ़ाने की घोषणा कर दी है. इससे किसानों की बीज खरीद लागत घटेगी और उनके लिए उन्नत किस्म के बीजों की बुवाई आसान होगी.
125 लाख मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन आंकड़ा पार करने पर जोर
हरियाणा में लगभग 25 लाख हेक्टेयर एरिया में गेहूं की खेती होती है और 115 लाख मीट्रिक टन से अधिक उत्पादन होता है. इस बार रबी सीजन में रकबा 30 लाख हेक्टेयर के पार ले जाने की योजना है, जबकि उत्पादन 125 लाख मीट्रिक टन करने की तैयारी है. वहीं, अच्छी मॉनसूनी बारिश से मिट्टी की नमी भी सकारात्मक साबित होने वाली है.
सीएम ने गेहूं बीज पर सब्सिडी राशि बढ़ाई
हरियाणा के किसानों के लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी ने एक बड़ी राहत की घोषणा की है. प्रदेश सरकार ने गेहूं बीज पर दी जाने वाली सब्सिडी में बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है. इसके तहत अब किसानों को आगामी रबी सीज़न के लिए गेहूं के बीज पर 1,000 रुपये की जगह 1,075 प्रति क्विंटल की दर से सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी.
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15 लाख क्विंटल सर्टिफाइड गेहूं बीज वितरण का लक्ष्य
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि हर साल लगभग 12-14 लाख क्विंटल प्रमाणित गेहूं बीज की बिक्री होती है, जिसमें से लगभग 5.5 लाख क्विंटल सरकारी एजेंसियों के माध्यम से आपूर्ति की जाती है, और शेष निजी बीज उत्पादकों द्वारा वितरित किया जाता है.
सरकार का यह कदम किसानों को समय पर गेहूं की बुआई करने और रकबा बढ़ाने के साथ ही हाई क्वालिटी उत्पादन वाली फसल तैयार करने के लिए प्रोत्साहित करेगा. इसके साथ ही किसानों को प्रमाणित (Certified Seeds) और उन्नत किस्मों के बीज अपनाने में मदद मिलेगी.
कैसे मिलेंगे सस्ते और अच्छे बीज
इसके साथ ही हरियाणा सरकार ने यह भी घोषणा की है कि राज्य की विभिन्न एजेंसियों जैसे हरियाणा बीज विकास निगम (HSDC), सहकारी समितियां (Co-operative Societies) और कृषि विभाग के ज़रिए सब्सिडी वाले सर्टिफाइड गेहूं बीज किसानों तक पहुंचाए जाएंगे.
उत्पादन, क्वालिटी में सुधार होगा और किसानों की लागत घटेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय राज्य के किसानों की आय बढ़ाने और उत्पादन क्षमता को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. हाई क्वालिटी वाले बीजों के इस्तेमाल से उत्पादकता बढ़ेगी, फसल की लागत घटेगी और किसानों को अधिक लाभ मिलेगा. वहीं, बाजार में बेहतर क्वालिटी के साथ उपभोक्ताओं को उपज हासिल हो सकेगी. विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से न केवल किसानों को राहत मिलेगी बल्कि राज्य में गेहूं की औसत उपज और क्वालिटी दोनों में सुधार होगा.