महाराष्ट्र में भारी बारिश से 8 लाख हेक्टेयर फसलें बर्बाद, किसानों को राहत की उम्मीद

किसानों ने आरोप लगाया कि सरकारी अधिकारी उनके खेतों का दौरा नहीं कर रहे हैं, जिससे नुकसान का सही आंकलन नहीं हो पा रहा है. वहीं, बीमा कंपनियां पिछले साल के नुकसान का भुगतान अब तक नहीं कर रही हैं, जिससे किसानों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

नई दिल्ली | Published: 28 Aug, 2025 | 01:53 PM

महाराष्ट्र में पिछले कुछ हफ्तों से लगातार हुई भारी बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. राज्य के 187 तालुका और 654 राजस्व क्षेत्रों में फसलें प्रभावित हुई हैं. सबसे ज्यादा नुकसान मराठवाड़ा, विदर्भ, पश्चिम महाराष्ट्र और उत्तर महाराष्ट्र में हुआ है. किसानों का कहना है कि अभी भी राहत का इंतजार है और वे नुकसान की भरपाई की उम्मीद कर रहे हैं.

भारी बारिश ने फसलों को किया प्रभावित

बिजनेस लाइन की खबर के अनुसार, कृषि मंत्री दत्तात्रय भारणे ने बताया कि नांदेड में 2.85 लाख हेक्टेयर, वाशिम में 1.64 लाख हेक्टेयर, यवतमाल में 92,000 हेक्टेयर और बुलढाणा में 89,000 हेक्टेयर फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. इस बारिश का असर मुख्य खरीफ फसलों पर पड़ा.

कपास, जो 39 लाख हेक्टेयर में उगाई जाती है, फूल आने के दौर में थी जब बारिश ने खेतों को भिगो दिया. सोयाबीन, जो 50 लाख हेक्टेयर में उगाई जाती है, पानी में डूबकर बर्बाद हो गई. इसके अलावा तूर और मक्का की फसलें भी प्रभावित हुई हैं. लगातार बादल रहने से कीट और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है.

अनार और उरद की फसलें भी प्रभावित

अनार संघ के अनुसार, राज्य के 30,000 हेक्टेयर बागों में से 7,500 हेक्टेयर को नुकसान पहुंचा है. उत्तर महाराष्ट्र में उरद की फसलें भी प्रभावित हुई हैं. किसानों ने आरोप लगाया कि सरकारी अधिकारी उनके खेतों का दौरा नहीं कर रहे हैं, जिससे नुकसान का सही आंकलन नहीं हो पा रहा है. वहीं, बीमा कंपनियां पिछले साल के नुकसान का भुगतान अब तक नहीं कर रही हैं, जिससे किसानों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

सरकार का आकलन और राहत का भरोसा

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार नुकसान का आकलन कर रही है और प्रभावित किसानों को सहायता प्रदान करेगी. उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कृषि विभाग को निर्देश दिए हैं कि फसलों का सर्वेक्षण तेजी से किया जाए ताकि कोई भी किसान राहत से वंचित न रहे.

कांग्रेस का आग्रह

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन वसंतराव ने राज्य सरकार से “वेट ड्राउट” घोषित करने का आग्रह किया है. उन्होंने प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये की आर्थिक मदद देने की मांग की है.

किसानों का कहना है कि इस बारिश ने उनकी खरीफ फसल को गंभीर नुकसान पहुंचाया है और अब केवल सरकार की त्वरित कार्रवाई ही उनकी उम्मीद बन गई है. इस आपदा ने किसानों की उपज और भविष्य की आय पर बड़ा संकट डाल दिया है, और राहत उपायों के लिए सभी की निगाहें प्रशासन पर टिकी हुई हैं.