PM Kusum Yojana : खेती अब सिर्फ मेहनत नहीं, समझदारी का भी खेल बन गई है. पानी की कमी और बिजली की अनियमितता से जूझते किसान अब सौर ऊर्जा की मदद से अपनी सिंचाई व्यवस्था को मजबूत बना रहे हैं. प्रधानमंत्री कुसुम योजना (PM KUSUM Yojana) ने किसानों के खेतों में सूरज से सिंचाई का सपना साकार कर दिया है. अब खेतों में पानी भी आएगा और बिजली का खर्च भी बचेगा.
क्या है पीएम कुसुम योजना?
कृषि मंत्रालय और Ministry of New and Renewable Energy (MNRE) द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री कुसुम योजना का उद्देश्य किसानों को सौर ऊर्जा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है. इस योजना के तहत किसानों को अपने खेतों में सोलर पंप लगाने की सुविधा दी जा रही है, जिससे वे बिना बिजली या डीजल के आसानी से सिंचाई कर सकें. सरकार का लक्ष्य है कि देश के हर किसान तक सौर ऊर्जा पहुंचे और खेती की लागत कम हो.
कैसे मिलेगी योजना का लाभ?
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसान अपने खेत में सोलर पंप बहुत कम खर्च में लगा सकते हैं. इस योजना में कुल लागत का केवल 40 फीसदी भुगतान किसान को करना होता है, जबकि बाकी राशि सरकार और बैंक मिलकर देते हैं. केंद्र सरकार 30 फीसदी और राज्य सरकार भी 30 फीसदी सब्सिडी देती है. किसान के हिस्से का 40 फीसदी भुगतान बैंक लोन के माध्यम से किया जा सकता है. इस तरह किसान को भारी निवेश की जरूरत नहीं पड़ती और वह सौर ऊर्जा से सिंचाई की सुविधा आसानी से प्राप्त कर सकता है. यह योजना किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम है.

पीएम कुसुम योजना
सोलर पंप लगाने से क्या होंगे फायदे?
सोलर पंप लगाने के कई फायदे हैं जो न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाते हैं बल्कि पर्यावरण को भी लाभ पहुंचाते हैं-
- बिजली की समस्या खत्म:- किसानों को बिजली कटौती या बिल की चिंता नहीं रहती.
- डीजल का खर्च कम:- सोलर पंप पूरी तरह सौर ऊर्जा से चलते हैं.
- लंबे समय तक चलने वाला सिस्टम:- एक बार लगने के बाद सालों तक बिना ज्यादा मेंटेनेंस काम करता है.
- पर्यावरण के लिए सुरक्षित:- सौर ऊर्जा से प्रदूषण नहीं होता, जिससे खेतों और प्रकृति दोनों को फायदा होता है.
- फसलों की सिंचाई में सुविधा:- पानी की उपलब्धता बढ़ने से किसान समय पर सिंचाई कर पाते हैं, जिससे उपज भी बढ़ती है.
कौन कर सकता है आवेदन?
इस योजना का लाभ देश का हर किसान उठा सकता है, चाहे उसके पास अपनी जमीन हो या किराए पर ली गई हो. आवेदन के लिए किसान अपने राज्य के ऊर्जा या कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भर सकता है. आवेदन के बाद विभाग जमीन और दस्तावेजों की जांच कर मंजूरी देता है. मंजूरी मिलने के बाद किसान बैंक से ऋण लेकर सोलर पंप लगाने की प्रक्रिया पूरी करता है. इससे सिंचाई आसान और किफायती बन जाती है.
सरकार का उद्देश्य और भविष्य की योजना
MNRE के अनुसार, प्रधानमंत्री कुसुम योजना का लक्ष्य आने वाले वर्षों में देशभर में लाखों सोलर पंप लगाना है. इससे न केवल किसानों की सिंचाई व्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि देश में ग्रीन एनर्जी का उपयोग भी तेजी से बढ़ेगा. सरकार का कहना है कि सौर ऊर्जा के बढ़ते उपयोग से डीजल और बिजली की खपत घटेगी, जिससे पर्यावरण पर सकारात्मक असर पड़ेगा और किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी.
खेती में अब सूरज बनेगा साथी
कुसुम योजना के माध्यम से सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बना रही है. अब किसान को न बिजली बिल का डर रहेगा, न सिंचाई के लिए बादलों का इंतजार. खेतों में सूरज की किरणें अब केवल रोशनी नहीं, बल्कि खुशहाली भी लेकर आएंगी. यह योजना साबित कर रही है कि जब नीति और तकनीक साथ आएं, तो किसान की जिंदगी में नई रोशनी जरूर फैलती है.