देश के इन हिस्सों में नहीं मनाया जाता दशहरा, रावण को लेकर है अनोखी परंपरा

ज्यादातर जगहों पर रावण दहन किया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के कुछ हिस्सों में दशहरा बिल्कुल उल्टा मनाया जाता है? यहां रावण को सम्मान और पूजा के साथ याद किया जाता है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 1 Oct, 2025 | 03:49 PM

Dussehra: भारत विविधताओं की धरती है, और यही वजह है कि एक ही त्यौहार के जश्न का तरीका भी अलग-अलग राज्यों और क्षेत्रों में पूरी तरह से अलग होता है. दशहरा, जिसे विजयदशमी भी कहा जाता है, आम तौर पर बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. ज्यादातर जगहों पर रावण दहन किया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के कुछ हिस्सों में दशहरा बिल्कुल उल्टा मनाया जाता है? यहां रावण को सम्मान और पूजा के साथ याद किया जाता है. तो चलिए जानते हैं देश के उन जगहों के बारे में जहां रावण की होती है पूजा.

बिसरख (उत्तर प्रदेश): रावण की जन्मस्थली

उत्तर प्रदेश के बिसरख को रावण की जन्मभूमि माना जाता है. स्थानीय लोग रावण को सिर्फ राजा नहीं, बल्कि एक महान विद्वान और अपने पूर्वज के रूप में मानते हैं. इसलिए यहां दशहरे पर रावण का पुतला नहीं जलाया जाता. इसके बजाय लोग उसकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और उसे सम्मान देते हैं. यह परंपरा यहां सदियों से चली आ रही है.

मंदसौर (मध्य प्रदेश): रावण का ससुराल

मध्य प्रदेश के मंदसौर शहर को रावण की पत्नी मंदोदरी का मायका माना जाता है. यहां लोग रावण को ‘दामाद’ के रूप में सम्मानित करते हैं. दशहरे पर यहां रावण के पुतले का दहन नहीं किया जाता, बल्कि उसकी पूजा और सम्मान किया जाता है. यह परंपरा रावण के परिवारिक और ऐतिहासिक संबंधों को याद करती है.

गढ़चिरौली (महाराष्ट्र): आदिवासी संस्कृति में रावण

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में रहने वाले आदिवासी समुदाय रावण को शक्ति और अपने पूर्वज के रूप में मानते हैं. इसलिए दशहरे के दौरान रावण का पुतला नहीं जलाया जाता. इसके बजाय विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं, जो रावण के ज्ञान, वीरता और आध्यात्मिक शक्ति को सम्मानित करते हैं.

बैजनाथ (हिमाचल प्रदेश): शिवभक्त रावण

हिमाचल प्रदेश के बैजनाथ में स्थानीय लोग मानते हैं कि रावण एक महान शिवभक्त था. यहां दशहरे पर रावण का दहन नहीं होता. वह भगवान शिव का भक्त और विद्वान माना जाता है. लोग उसकी पूजा करते हैं और उसकी भक्ति को याद करते हैं.

जोधपुर (राजस्थान): वंशज के रूप में सम्मान

राजस्थान के जोधपुर के पास मंडोर क्षेत्र में ऐसा माना जाता है कि रावण की शादी की कुछ रस्में सम्पन्न हुई थीं. इसलिए यहां के मुदगिल ब्राह्मण रावण को अपना वंशज मानते हैं. दशहरे पर पुतला जलाने की बजाय रावण को सम्मानित किया जाता है.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%