जानिए क्यों भारत के उपराष्ट्रपति को नहीं मिलती रेगुलर सैलरी, लेकिन सुविधाएं और पेंशन भरपूर

सुरक्षा के मामले में उपराष्ट्रपति को हमेशा SPG या Z+ श्रेणी की सुरक्षा दी जाती है. इसमें बुलेटप्रूफ वाहन, उच्च स्तरीय सुरक्षा कवर और व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी शामिल हैं.

नई दिल्ली | Published: 10 Sep, 2025 | 10:26 AM

मंगलवार को चंद्रपुरम पोनुस्वामी राधाकृष्णन देश के 15वें उपराष्ट्रपति के रुप में चुने गए. भारत के उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण संवैधानिक पद हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस उच्च पद पर रहते हुए उपराष्ट्रपति को नियमित सैलरी नहीं मिलती? हां, यह सच है. उन्हें पद के लिए नहीं, बल्कि राज्यसभा के सभापति के रूप में उनकी जिम्मेदारी निभाने के लिए वेतन मिलता है. वर्तमान में यह वेतन लगभग 4 लाख रुपये प्रति माह है. इसके अलावा, उन्हें मुफ्त आवास, यात्रा, सुरक्षा और चिकित्सा जैसी कई सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं.

उपराष्ट्रपति का वेतन सैलरी और अलाउंसेस ऑफिसर्स ऑफ पार्लियामेंट एक्ट, 1953 के तहत तय किया गया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद के लिए कोई अलग या विशेष वेतन नहीं है. उन्हें जो वेतन और भत्ते मिलते हैं, वह राज्यसभा के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में मिलने वाले ही हैं. इसका मतलब यह है कि उपराष्ट्रपति को अपने संवैधानिक कर्तव्य निभाने के लिए सभी जरूरी संसाधन और सुविधाएं पूरी तरह से उपलब्ध हैं.

उपराष्ट्रपति को मिलने वाले भत्ते और सुविधाएं

उपराष्ट्रपति को मुफ्त सरकारी आवास मिलता है, जो लुटियंस जोन में स्थित एक भव्य बंगला होता है. इस बंगले में उनके निजी सचिव, स्टाफ और अन्य अधिकारी नियुक्त रहते हैं, ताकि वे अपने संवैधानिक और प्रशासनिक कार्य आसानी से कर सकें. देश और विदेश यात्रा के लिए उन्हें सरकारी विमान, हेलीकॉप्टर और उच्च स्तरीय प्रोटोकॉल की सुविधा दी जाती है. वे राज्यसभा के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में दैनिक भत्ता, यात्रा भत्ता और चिकित्सा सुविधाओं का लाभ भी उठाते हैं.

सुरक्षा के मामले में उपराष्ट्रपति को हमेशा SPG या Z+ श्रेणी की सुरक्षा दी जाती है. इसमें बुलेटप्रूफ वाहन, उच्च स्तरीय सुरक्षा कवर और व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी शामिल हैं. उनके साथ पूरे समय स्टाफ, सुरक्षा और प्रशासनिक सहयोग रहता है, ताकि उन्हें बिना किसी परेशानी के अपने संवैधानिक कर्तव्य निभाने में मदद मिल सके.

पद छोड़ने के बाद सुविधाएं और पेंशन

उपराष्ट्रपति पद से हटने के बाद भी उन्हें कई लाभ मिलते हैं. उन्हें मासिक पेंशन, सरकारी आवास, स्टाफ, गाड़ी और ड्राइवर जैसी सुविधाएं दी जाती हैं. उदाहरण के लिए, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को राज्यसभा के पूर्व सभापति के रूप में लगभग 2 लाख रुपये, पूर्व सांसद के रूप में 45,000 रुपये, और पूर्व विधायक और राज्यपाल के रूप में अतिरिक्त पेंशन मिलती है. कुल मिलाकर उन्हें मासिक पेंशन के रूप में करीब 3 लाख 12 हजार रुपये मिलते हैं. इसके अलावा उन्हें एक भव्य बंगला, सरकारी कार और सुरक्षा सुविधाएं भी मिलती हैं.

इन सभी सुविधाओं और पेंशन के साथ उपराष्ट्रपति का पद न केवल सम्मानजनक बल्कि कार्य और जीवन के सभी स्तरों पर सुविधाजनक भी बनता है. यह पद न केवल देश के संवैधानिक ढांचे का अहम हिस्सा है, बल्कि इसे प्राप्त करने वाले व्यक्ति को देश की सेवा करने के लिए सभी संसाधन और सुरक्षा भी मुहैया कराई जाती है.