सर्दियों में पौधों को न दें ज्यादा पानी, सही समय और मात्रा जान लें आज ही

जैसे-जैसे तापमान गिरता है और दिन छोटे होने लगते हैं, पौधों की जरूरतें भी बदल जाती हैं. कई पौधे इस समय सुप्त अवस्था (Dormant Phase) में चले जाते हैं, यानी उनकी वृद्धि रुक जाती है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें पानी की जरूरत नहीं रहती.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 10 Nov, 2025 | 11:11 AM

Gardening Tips: सर्दियों का मौसम आते ही बगीचे की देखभाल का तरीका पूरी तरह बदल जाता है. जैसे-जैसे तापमान गिरता है और दिन छोटे होने लगते हैं, पौधों की जरूरतें भी बदल जाती हैं. कई पौधे इस समय सुप्त अवस्था (Dormant Phase) में चले जाते हैं, यानी उनकी वृद्धि रुक जाती है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें पानी की जरूरत नहीं रहती. सर्दियों में पौधों को सही समय पर और सही तरीके से पानी देना उनकी जिंदगी और सेहत दोनों के लिए बेहद जरूरी होता है.

सर्दियों में पौधों की जरूरतें क्यों बदल जाती हैं

सर्दी में वातावरण में नमी ज्यादा रहती है और सूर्य की रोशनी कम मिलती है. मिट्टी देर तक गीली रहती है, इसलिए पौधों को गर्मियों की तरह बार-बार पानी देने की जरूरत नहीं होती. इस समय पौधों की जड़ें धीमी गति से काम करती हैं, जिससे पानी का अवशोषण भी धीरे होता है. अगर इस मौसम में जरूरत से ज्यादा पानी दिया जाए तो जड़ें सड़ सकती हैं और पौधा मुरझा सकता है.

पानी देने का सही समय और तरीका

सर्दियों में पौधों को सुबह के समय पानी देना सबसे अच्छा माना जाता है. सुबह के वक्त मिट्टी का तापमान थोड़ा गर्म रहता है और पौधे पूरे दिन उस नमी को धीरे-धीरे अवशोषित कर पाते हैं. रात में पानी देने से जड़ों में नमी फंस जाती है और तापमान गिरने पर पानी जम सकता है, जिससे पौधों की जड़ें खराब हो जाती हैं.

पानी हमेशा कमरे के तापमान वाला या हल्का गुनगुना इस्तेमाल करें. बहुत ठंडा पानी सीधे जड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है. साथ ही, पानी इतनी मात्रा में दें कि मिट्टी हल्की नम रहे लेकिन उसमें दलदल न बने.

कितनी बार पानी देना जरूरी है

सर्दियों में पौधों को हफ्ते में एक या दो बार पानी देना पर्याप्त होता है. हालांकि, यह मिट्टी और पौधे की किस्म पर निर्भर करता है. अगर गमले की मिट्टी ऊपर से सूखी लगे लेकिन नीचे नमी हो, तो तुरंत पानी देने की जरूरत नहीं. एक साधारण तरीका है मिट्टी में उंगली डालें, अगर आधा इंच नीचे तक सूखी लगे, तभी पानी दें.

धूप और नमी का संतुलन बनाए रखें

ठंड के मौसम में पौधों को पानी के साथ-साथ धूप की भी जरूरत होती है. कोशिश करें कि पौधे रोजाना कम से कम 4 से 5 घंटे धूप में रहें. इससे वे प्राकृतिक रूप से सूखे रहेंगे और फफूंदी या कीड़ों का खतरा कम रहेगा. अगर आपके पौधे इनडोर हैं, तो उन्हें खिड़की के पास या रोशनी वाली जगह पर रखें.

ठंडी हवाओं और पाले से पौधों की सुरक्षा करें

सर्दियों में कई बार ठंडी हवाएं और पाला (Frost) पौधों को नुकसान पहुंचा सकता है. रात के समय गमलों को घर के अंदर ले आएं या किसी कपड़े से ढक दें. इससे पौधों की जड़ों को गर्मी मिलेगी और वे ठंड से सुरक्षित रहेंगे.

मिट्टी की नमी बनाए रखने के लिए मल्चिंग करें

सर्दियों में मिट्टी जल्दी सूखती नहीं, लेकिन ठंडी हवाओं के कारण ऊपरी सतह पर नमी कम हो सकती है. ऐसे में मिट्टी पर मल्चिंग (Mulching) करें यानी सूखी पत्तियां, भूसा या नारियल के रेशे की परत डाल दें. इससे मिट्टी की नमी बनी रहती है और पौधे लंबे समय तक हाइड्रेटेड रहते हैं.

सर्दियों में पौधों की खास देखभाल जरूरी

सर्दियों के दौरान पौधों को ज्यादा छेड़छाड़ की जरूरत नहीं होती. उन्हें बार-बार गमला बदलना या खाद डालना इस मौसम में सही नहीं माना जाता, क्योंकि पौधे विश्राम की अवस्था में होते हैं. सिर्फ उनकी जरूरतों को ध्यान से देखें, न बहुत ज्यादा पानी दें, न बिल्कुल सूखा छोड़ें.

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