साल 2025 में किसानों के लिए ट्रैक्टर खरीदना पहले से आसान हो गया है, खासकर छोटे खेतों वाले किसानों के लिए. हाल ही में जीएसटी काउंसिल ने कृषि उपकरणों जैसे ट्रैक्टर, सिंचाई मशीन और जैव-कीटनाशकों पर टैक्स 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है.
साधारण डीजल ट्रैक्टर हर घंटे में करीब 1.5 लीटर डीजल खर्च करता है, जबकि यह ई-ट्रैक्टर 5 घंटे में सिर्फ 18 से 20 यूनिट बिजली में काम कर लेता है. इससे किसान लगभग 64 फीसदी खर्च बचा सकते हैं. एक पूरे सीजन में यह बचत हजारों रुपये की हो सकती है.
पंजाब पहुंचे कृषि मंत्री ने धान की कटाई के लिए एसएसएमएस फिटेड कंबाइन हार्वेस्टर का लाइव डेमो देखा. उन्होंने गेहूं की बुआई के लिए हैप्पी स्मार्ट सीडर मशीन का प्रदर्शन भी देखा और पराली नहीं जलाने वाले किसानों की सराहना की.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान 14 अक्टूबर को लुधियाना दौरे पर रहेंगे. किसानों, महिला समूहों और बाढ़ प्रभावित परिवारों से संवाद करेंगे. आधुनिक कृषि उपकरण और योजनाओं से ग्रामीण क्षेत्र में आय और विकास को बढ़ावा मिलेगा.
केंद्र सरकार ने ट्रैक्टर पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी. इस कदम से न सिर्फ किसानों की खरीद क्षमता बढ़ी बल्कि खेती में यंत्रों के इस्तेमाल को भी बढ़ावा मिला.
कई बार ऐसा होता है कि ट्रैक्टर को सालों तक इस्तेमाल करने के बाद उसे बेचने की कोशिश करते हैं, लेकिन उम्मीद के मुताबिक कीमत नहीं मिलती. इसका मुख्य कारण है ट्रैक्टर की सही देखभाल न होना.