एआई तकनीक गन्ने की अर्थव्यवस्था को बदल सकता है. यह किसानों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और अच्छी आय पाने में मदद कर सकता है. इस तकनीक को लगाने के खर्च का 64 फीसदी किसानों को सब्सिडी के रूप में मिलेगा.
खेती में छह आधुनिक यंत्रों के इस्तेमाल से समय, लागत और मेहनत कम होगी. इससे खेत जल्दी तैयार होंगे और फसल उत्पादन में बढ़ोतरी भी होगी.
रबड़ किसान अब इस ऐप के जरिए बिना किसी बिचौलिए के सीधे विशेषज्ञों की सलाह पा सकते हैं. इससे पैदावार बढ़ेगी, लागत घटेगी और आय में सुधार हो सकता है.
बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि प्रदेश में अबतक 569 फार्म मशीनरी बैंक बनाए जा चुके हैं. जिनकी मदद से किसानों को खेती में इस्तेमाल किए जाने वाले आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं
महिंद्रा EPC सिर्फ सिंचाई सिस्टम ही नहीं बेचती, बल्कि शुरुआत से लेकर फसल तक पूरी मदद देती है. प्लानिंग, डिजाइन, इंस्टॉलेशन और फसल से जुड़ी सलाह, सब कुछ किसानों को एक ही जगह मिलती है.
यह मशीन खास उन किसानों के लिए है जिनके खेत की मिट्टी एक समान नहीं होती और उसमें बीज और खाद डालने में मुश्किल आती है. इसमें लेजर ट्रांसमीटर कंट्रोल पैनल और हाइड्रोलिक सिस्टम होता है.