विदिशा की महिलाओं ने गाय के गोबर से ऐसे सजावटी और धार्मिक सामान बनाए हैं, जिन्हें देखकर हर कोई हैरान है. उनके गोबरशाला स्टार्टअप की तारीफ मुख्यमंत्री तक कर चुके हैं. इस पहल ने न केवल रोजगार बढ़ाया, बल्कि गोबर को कमाई और स्वाभिमान का प्रतीक बना दिया है.
लंदन की नौकरी छोड़कर ग्वालियर लौटे शुभम सिंह ने पराली से ऐसा स्टार्टअप शुरू किया जिसने ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई जान फूंक दी. पराली से प्रोडक्ट बनाकर उन्होंने किसानों को नई पहचान दी और देशभर में अपने सामान की बढ़ती मांग से सफलता की नई मिसाल कायम की. आइए जानते हैं शुभम सिंह सिंह के बारे में और वे पराली से क्या बनाते हैं...
प्रतापगढ़ का आंवला अपनी गुणवत्ता और जीआई टैग के लिए प्रसिद्ध है. सर्दियों में इसकी मांग बढ़ जाती है. हालांकि, महंगी मजदूरी और कम मुनाफे से आंवले की खेती घट रही है. सरकार की ओडीओपी योजना और प्रसंस्करण सब्सिडी के बावजूद किसानों को सीमित लाभ मिल पा रहा है.
गेहूं पैदावार में भारत के दुनिया में दूसरे स्थान तक पहुंचने का सफल काफी मुश्किल भर रहा है. कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए हरित क्रांति का नेतृत्व करने वाले चिदंबरम सुब्रमण्यम की आज 7 नवंबर 2025 को पुण्यतिथि है. वह उस वक्त देश के कृषि मंत्री थे जब हरित क्रांति शुरू की गई है और उनके निर्देशन में एमएस स्वामीनाथन समेत अन्य कृषि वैज्ञानिकों ने नई किस्मों पर शोध और विकास शुरू किया.
आंध्र प्रदेश के किशोर येलेटी ने 'किसान इंडिया' को बताया कि वह पेशे से माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं और वह 10 साल तक लाखों के पैकेज की नौकरी की. लेकिन, उन्होंने नौकरी छोड़कर अब पूरी तरह खेती कर रहे हैं. आधुनिक तरीके से खेती ने उन्हें सालभर में 18 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई कराई है.
तमिलनाडु के कुंभकोणम पान को उसकी मुलायम बनावट और विशिष्ट स्वाद के लिए जीआई टैग मिला है. कावेरी डेल्टा की उपजाऊ मिट्टी में उगने वाला यह पान सदियों से तमिल संस्कृति का हिस्सा रहा है. इसकी मांग बढ़ने से किसानों की आमदनी भी दोगुनी हो गई है.