15 लाख टन चीनी निर्यात की मिली अनुमति, अब शीरे पर नहीं लगेगी 50 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी

केंद्र सरकार ने 2025-26 सीजन में 15 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी और शीरे पर 50 फीसदी निर्यात शुल्क हटा दिया. एथनॉल उत्पादन बढ़ाने, किसानों को बेहतर मूल्य देने और घरेलू बाजार संतुलित रखने के लिए यह कदम उठाया गया है. ISMA ने चीनी उत्पादन में 18.5 फीसदी वृद्धि का अनुमान जताया.

Kisan India
नोएडा | Published: 9 Nov, 2025 | 08:01 AM

sugar export: केंद्र सरकार ने मौजूदा 2025-26 सीजन में 15 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति देने का फैसला किया है. खास बात यह है कि शीरे (molasses) पर लगी 50 फीसदी निर्यात शुल्क को हटा दिया गया है. सरकार के इस फैसले से चीनी की एक्स-मिल कीमतों में सुधार की उम्मीद है, क्योंकि इस साल देश में चीनी उत्पादन अधिक होने की संभावना से कीमतों पर दबाव बना हुआ था. चीनी उद्योग लंबे समय से सरकार से 20 लाख टन निर्यात की अनुमति देने की मांग कर रहा था.दरअसल, यह जानकारी केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी ने दी.

इंडियन शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) के डायरेक्टर जनरल दीपक बल्लानी ने कहा कि सरकार का यह कदम उद्योग के लिए अच्छा है. इससे घरेलू बाजार में कीमतें स्थिर रहेंगी, क्योंकि इस साल उत्पादन अच्छा होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि कम से कम कुछ मात्रा में चीनी बाहर जाएगी, जिससे बाजार में संतुलन बना रहेगा.  (ISMA) ने अनुमान लगाया है कि 2025-26 सीजन में चीनी उत्पादन  में 18.5 फीसदी की बढ़ोतरी होगी और कुल उत्पादन करीब 309.5 लाख टन रहेगा. इसमें से लगभग 34 लाख टन गन्ने का इस्तेमाल एथनॉल बनाने में किया जाएगा. महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में गन्ने की पैदावार बढ़ने से उत्पादन में यह बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.

प्रह्लाद जोशी ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को लिखा पत्र

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को लिखे पत्र में बताया कि केंद्र सरकार ने अतिरिक्त चीनी की समस्या को हल करने के लिए कई कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि इस साल जनवरी में जब एक्स-मिल कीमतें घट रही थीं, तब सरकार ने 10 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी थी ताकि देश में अतिरिक्त स्टॉक को नियंत्रित किया जा सके. इसके बाद कर्नाटक में चीनी की कीमतें 3,370 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 3,700- 3,930 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गईं. जोशी ने कहा कि मौजूदा सीजन के लिए भी केंद्र ने 15 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी है और शीरे पर लगाई गई 50 फीसदी निर्यात शुल्क को हटा दिया गया है.

कटाई और ढुलाई का खर्च शामिल नहीं होगा

इससे पहले, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य में चल रहे चीनी संकट के लिए केंद्र की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया था. उत्तर कर्नाटक के किसान पिछले हफ्ते से 3,500 रुपये प्रति टन का भाव मांगते हुए आंदोलन कर रहे थे. शुक्रवार को राज्य सरकार और शुगर मिलों ने 50 रुपये अतिरिक्त देने का फैसला किया, जिससे अब किसानों को 3,300 रुपये प्रति टन का उचित और लाभकारी मूल्य मिलेगा, जिसमें कटाई और ढुलाई का खर्च शामिल नहीं होगा.

435.42 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद दी

जोशी ने कहा कि अतिरिक्त चीनी की समस्या को कम करने के लिए सरकार चीनी मिलों  को गन्ने का उपयोग एथनॉल उत्पादन में करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. एथनॉल की सप्लाई, जो 2013 में लगभग 38 करोड़ लीटर थी, अब 20 फीसदी ब्लेंडिंग लक्ष्य के लिए बढ़ाकर करीब 1,001 करोड़ लीटर कर दी गई है. केंद्र सरकार ने कर्नाटक में एथनॉल डिस्टिलरी स्थापित करने के लिए एथनॉल ब्याज सहायता योजना के तहत 435.42 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद दी है.

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