प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की तारीख बढ़ी, किसानों को 15 दिन का और समय मिला.. हेल्पलाइन जारी

Crop Insurance Scheme: फसलों का बीमा करवा कर किसान फसलों की बुआई से लेकर कटाई तक प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा, बाढ़, सैलाब, प्राकृतिक आग, भूमि कटाव आदि के जोखिम से फसलों को सुरक्षित कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त फसल कटाई के बाद दो सप्ताह तक होने वाले नुकसान की भी भरपाई हासिल की जा सकती है.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Published: 30 Dec, 2025 | 04:43 PM
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Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों को अपनी फसलों का बीमा कराने के लिए एक और मौका देने के इरादे से आवेदन की अंतिम तिथि को फिर से बढ़ा दिया है. राज्य सरकार ने कहा है कि अब किसानों को 15 दिनों का और समय दिया जा रहा है. ताकि, फसलों का नुकसान होने पर उसकी भरपाई की जा सके और किसानों को आकर्थिक नुकसान से बचाया जा सके. वहीं, किसानों की मदद के लिए जिम्मेदार बीमा अधिकारियों के मोबाइल नंबर भी जारी किए गए हैं.

पीएम फसल बीमा योजना की अंतिम तिथि 15 दिन बढ़ाई गई है

हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग ने ताजा नोटीफिकेशन ने पीएम फसल बीमा योजना के तहत फसलों का बीमा कराने के लिए तय अंतिम तिथि 31 दिसंबर को 15 आगे बढ़ाने की घोषणा की है. यानी राज्य के किसान अब 15 जनवरी तक पीएम फसल बीमा योजना के तहत पंजीकरण करा सकते हैं. इसके साथ ही किसानों की मदद के लिए जिम्मेदार बीमा अधिकारियों के मोबाइल नंबर भी जारी किए गए हैं. ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों तक योजना का लाभ पहुंचाया जा सके.

गेहं और जौ फसलों का बीमा करा लें किसान

सिरमौर जिले के उप निदेशक कृषि राजकुमार ने कहा कि जिले के किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत रबी मौसम में गेहूं और जौ की फसलों का बीमा अब 15 जनवरी 2026 तक करवा सकते हैं. उन्होंने कहा कि कृषि विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की निर्धारित तिथि को तकनीकी दिक्कतों के चलते बढ़ाने का आग्रह किया गया था जिसे स्वीकृत करते हुए कृषि मंत्रालय भारत सरकार ने अब 15 दिसंबर से बढ़ाकर 15 जनवरी 2026 कर दिया है, ताकि प्रदेश के किसान फसल बीमा का लाभ उठाने से वंचित न रह सके.

सूखा-बाढ़ समेत प्राकृतिक आपदा से नुकसान होने पर पैसा मिलेगा

उन्होंने कहा कि इन फसलों का बीमा करवा कर किसान फसलों की बुआई से लेकर कटाई तक, प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा, बाढ़, सैलाब, प्राकृतिक आग, भूमि कटाव आदि के जोखिम से फसलों को सुरक्षित कर सकते है. इसके अतिरिक्त फसल कटाई के उपरांत दो सप्ताह तक होने वाले नुकसान तथा स्थानीयकृत आपदाओं से होने वाले नुकसानों की भी भरपाई की जा सकती है.

फसल बीमा कराने के बाद गेहूं को नुकसान पर 60 हजार रुपये मिलेंगे

उन्होंने कहा कि गेहूं और जौ फसलों के लिए बीमित राशि 60 हजार और 50  हजार रुपये प्रति हेक्टेयर है, जिसमें किसानों को बीमित राशि का मात्र 1.5 प्रतिशत प्रीमियम देना होगा. जबकि शेष प्रीमियम राशि का भुगतान केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जिन किसानों ने बैंक से ऋण लिया है, ऐसे ऋणी किसानों की फसलों का बीमा स्वतः ही हो जाएगा. यदि ऋणी किसान बीमा नहीं करवाना चाहते हैं तो उन्हें बैंक में बीमा न करने का घोषणा पत्र देना होगा.

फसल बीमा कंपनी के अधिकारियों के नंबर जारी

कृषि अधिकारी ने कहा कि जिला में कृषि बीमा कंपनी एआईसी फसलों के बीमे के लिए चयनित की गई है. फसल बीमा से संबन्धित कोई भी जानकारी प्राप्त करनी हो तो नजदीकी कृषि कार्यालय अथवा कृषि बीमा कंपनी एआईसी के प्रतिनिधि से संपर्क कर सकते हैं. नाहन खंड के किसान 98166-40065, पच्छाद में 94598-15765, रेणुका और शिलाई में 86298-08485 तथा पांवटा साहिब में 82192-82290 पर जानकारी ले सकते हैं.

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