सोलापुर में बनेगा प्याज टर्मिनल, महाराष्ट्र सरकार की समिति ने की सिफारिश

महाराष्ट्र सरकार ने सोलापुर में प्याज टर्मिनल बनाने की सिफारिश की है, जिससे उत्तर और दक्षिण भारत के बीच व्यापार आसान होगा. टर्मिनल में वैज्ञानिक भंडारण और सभी सुविधाएं एक जगह होंगी. रबी प्याज की कटाई मार्च में होती है और सही भंडारण से 5,000 टन तक हानि बचाई जा सकती है.

Kisan India
नोएडा | Published: 19 Nov, 2025 | 11:30 PM

Maharashtra News: महाराष्ट्र सरकार की समिति ने सोलापुर में एक प्याज टर्मिनल बनाने की सिफारिश की है, जिससे शहर को उत्तर और दक्षिण भारत के बीच प्याज व्यापार का मुख्य केंद्र बनाया जा सके. हाल ही में सोलापुर में कृषि लागत और मूल्य आयोग के अध्यक्ष, पाशा पटेल की अध्यक्षता में बैठक हुई. इसमें किसानों का समर्थन करने और घरेलू व अंतरराष्ट्रीय प्याज व्यापार को मजबूत करने के लिए टर्मिनल के विकास पर चर्चा की गई. दरअसल, लासलगांव (नासिक) की तरह, सोलापुर में राज्य भर से प्याज आती है और इसका एपीएमसी मूल्य निर्धारण और व्यापार में अहम भूमिका निभाता है. समिति ने सुझाव दिया कि टर्मिनल में सभी सुविधाएं एक ही जगह हों, साथ ही वैज्ञानिक भंडारण प्रणाली हो, ताकि नुकसान कम हो और उपज के बाद की हानि रोकी जा सके.

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, समिति ने प्याज व्यापार के आर्थिक और राजनीतिक महत्व पर भी चर्चा की. किसानों के साथ आगे और परामर्श करने के बाद ही अंतिम सिफारिशें सरकार को दी जाएंगी. प्याज और लहसुन  अनुसंधान केंद्र के प्रतिनिधियों ने वैज्ञानिक भंडारण की आवश्यकता पर जोर दिया, क्योंकि पारंपरिक भंडारण में काफी नुकसान होता है. सही इंफ्रास्ट्रक्चर से सालाना लगभग 5,000 टन प्याज बचाई जा सकती है.

निर्यात का केंद्रीय केंद्र बनाया जा सकता है

समिति के सदस्य दीपक चव्हाण ने कहा कि सोलापुर को और विकसित कर पूरे देश में प्याज व्यापार और निर्यात का केंद्रीय केंद्र बनाया जा सकता है. भारत की कृषि-राजनीति में प्याज एक प्रमुख फसल है, खासकर रबी प्याज, जो वार्षिक उत्पादन का लगभग 70 फीसदी हिस्सा होती है और मार्च में कटाई जाती है. आदर्श हालात में ये महीनों तक सुरक्षित रहती है, लेकिन सामान्य वातावरण में प्याज सिर्फ 2-3 महीने तक टिकती है. अगर प्याज सड़ती है, तो लासलगांव  से दिल्ली तक इसका असर पड़ता है, जिससे उपभोक्ता नाराज होते हैं, किसान आंदोलन होते हैं और नीतिगत हस्तक्षेप होते हैं.

मध्य प्रदेश का हिस्सा 17 फीसदी

सोलापुर एपीएमसी के अध्यक्ष दिलीप माने ने कहा कि एपीएमसी टर्मिनल स्थापित करने में तैयार है और अधिकांश आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर पहले से मौजूद है. 2023- 24 में महाराष्ट्र ने भारत के कुल प्याज उत्पादन का 35 फीसदी से अधिक हिस्सा दिया, जबकि मध्य प्रदेश का हिस्सा 17 फीसदी था.

फसलों की खरीद को केंद्र ने दी मंजूरी

वहीं, कल ही खबर सामने आई थी कि मूल्य समर्थन योजना और बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत मूंगफली, प्याज और दलहन फसलों की खरीद को केंद्र ने मंजूरी दे दी है. आंध्र प्रदेश और राजस्थान ने 9700 करोड़ मंजूर रुपये की फसलें खरीद के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा था, जिसे केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वीकृति दे दी है. इससे दोनों राज्यों के किसानों की उपज खरीद का रास्ता साफ हो गया है.

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Published: 19 Nov, 2025 | 11:30 PM

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