शहर में रहते हैं? फिर भी छत पर उगा सकते हैं ढेर सारी मूंगफली, जानें मजेदार तरीका

घर पर बोने के लिए आप कच्ची मूंगफली का इस्तेमाल कर सकते हैं, बस ध्यान रहे कि वे भुनी हुई न हों. बीजों को एक रात पानी में भिगोने से अंकुरण और भी तेज हो जाता है. गमले में 5–6 सेंटीमीटर गहराई पर बीज डालें और हल्की मिट्टी से ढक दें.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 14 Nov, 2025 | 03:24 PM

Gardening Tips: अगर आपको बागवानी का शौक है और कुछ नया उगाने की इच्छा है, तो मूंगफली आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है. अक्सर लोग सोचते हैं कि मूंगफली सिर्फ खेतों में ही उगाई जा सकती है, लेकिन अगर थोड़ी सी मेहनत और सही तरीका अपनाया जाए तो इसे घर की छत, बालकनी या आंगन में गमले में भी आसानी से उगाया जा सकता है.

गमले में उगाई गई मूंगफली न सिर्फ ताजी और स्वादिष्ट होती है बल्कि यह घर के बच्चों और बड़ों के लिए एक मजेदार अनुभव भी बन जाती है.

कब बोएं मूंगफली

मूंगफली गर्म मौसम की फसल है. यह ऐसे तापमान में तेजी से बढ़ती है जहां गर्मी हल्की और धूप अच्छी हो. घर पर उगाने के लिए मार्च से जून तक का समय सबसे अच्छा माना जाता है. इस दौरान तापमान 25 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है, जिससे बीज आसानी से अंकुरित हो जाते हैं. यदि आप पहाड़ी इलाकों या ठंडे शहरों में रहते हैं, तो गर्मियों की शुरुआत होने पर ही बुवाई करें ताकि पौधा अच्छी तरह बढ़ सके.

गमले के लिए मिट्टी कैसे तैयार करें?

मूंगफली की जड़ें लंबी होती हैं और उन्हें हवा वाली, ढीली और हल्की मिट्टी पसंद आती है. अगर आप गमले में उगा रहे हैं, तो मिट्टी को थोड़ा रेतीला बनाना जरूरी है. इसके लिए 60 फीसदी सामान्य मिट्टी, 40 फीसदी रेत या बालू, थोड़ी सी जैविक खाद (गोबर खाद या वर्मीकंपोस्ट) लें. इस तरह बनाया गया मिश्रण मिट्टी को नरम रखता है और पौधे को पोषण देता है. इससे बीजों का अंकुरण तेज होता है और फलियां बनने में आसानी होती है.

बीज कैसे बोएं? घरेलू मूंगफली भी चलेगी

घर पर बोने के लिए आप कच्ची मूंगफली का इस्तेमाल कर सकते हैं, बस ध्यान रहे कि वे भुनी हुई न हों. बीजों को एक रात पानी में भिगोने से अंकुरण और भी तेज हो जाता है. गमले में 5–6 सेंटीमीटर गहराई पर बीज डालें और हल्की मिट्टी से ढक दें. बीजों के बीच 8–10 सेंटीमीटर की दूरी रखें, जिससे पौधे फैलने में दिक्कत न हो.

पौधे की देखभाल

मूंगफली को बहुत ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती. हर 2–3 दिन में मिट्टी को हल्का-सा नम रखें. ध्यान रहे कि पानी जमा न हो, वरना पौधा सड़ सकता है. इसके साथ ही गमले को ऐसी जगह रखें जहां 6–8 घंटे धूप मिलती हो. धूप मूंगफली की फली बनने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. हर 20–25 दिन में हल्की जैविक खाद डालना फायदेमंद होता है. इससे पौधे में फूल और बाद में फलियां अच्छे से बनती हैं.

फूल बनने से फली बनने तक का रोमांचक सफर

बुवाई के लगभग 35–40 दिन बाद पौधे में छोटे पीले रंग के फूल आने लगते हैं. इन फूलों की डंडी मिट्टी की ओर झुककर नीचे चली जाती है और वहीं मिट्टी में फली बनना शुरू होती है. पूरी फलियां तैयार होने में लगभग 3–4 महीने लगते हैं.

तैयार मूंगफली ऐसे पहचानें

जब पौधे की पत्तियां पीली होने लगें और सूखने लगें, तो समझ जाएं कि मूंगफली तैयार है. पौधे को जड़ों सहित धीरे-धीरे गमले से बाहर खींचें. मिट्टी हटाकर फलियों को साफ करें और 3–4 दिन धूप में सुखाएं. अब आपकी घर की उगाई हुई 100 फीसदी ऑर्गेनिक, ताजी और स्वादिष्ट मूंगफली तैयार है.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

आम धारणा के अनुसार टमाटर की उत्पत्ति कहां हुई?

Side Banner

आम धारणा के अनुसार टमाटर की उत्पत्ति कहां हुई?