Tomato Price Hike: टमाटर की कीमत में फिर से एक बार बढ़ोतरी शुरू हो गई है. इससे आम जनता के किचन का बजट बिगड़ गया है. कहा जा रहा है कि अक्टूबर महीने हुई भारी बारिश से फसलों को बहुत नुकसान पहुंचा. इससे टमाटर उत्पादन में गिरावट आई. साथ ही सर्दी जल्दी शुरू होने से मार्केट में टमाटर की मांग बढ़ गई. इससे कीमतों में बढ़ोतरी शुरू हो गई. उपभोक्ता मामलों के विभाग के मुताबिक, सोमवार को टमाटर का मॉडल रिटेल प्राइस पिछले महीने की तुलना में 26 फीसदी बढ़कर लगभग 48.23 रुपये प्रति किलो हो गया.
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आजादपुर मंडी के कमीशन एजेंट और टमाटर एसोसिएशन के सदस्य अशोक कौशिक का कहना है कि मंडी में औसत थोक कीमत पिछले तीन हफ्तों में 40- 45 रुपये प्रति किलो से घटकर अभी लगभग 28 से 30 रुपये प्रति किलो पर आ गई है. कौशिक ने कहा कि टमाटर के रिटेल दाम अगले कुछ हफ्तों तक ऐसे ही ऊंचे बने रहेंगे, क्योंकि सर्दियों में मांग ज्यादा होती है जबकि उत्पादन उतना नहीं बढ़ पाता. बड़े शहरों में अच्छी क्वालिटी वाले (प्रीमियम) टमाटर की कीमतें बढ़कर 60 रुपये से 70 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं.
पिछले साल के मुकाबले टमाटर का रिटेल प्राइस
फिलहाल टमाटर के रिटेल दाम पिछले साल की तुलना में करीब 4 फीसदी कम हैं. मई 2025 से ही रिटेल कीमतें साल-दर-साल आधार पर नकारात्मक रहीं, क्योंकि पिछले साल दाम बहुत ज्यादा थे. अक्टूबर 2025 में सप्लाई बढ़ने की वजह से रिटेल कीमतें सालाना आधार पर 54 फीसदी तक गिर गई थीं. लेकिन अक्टूबर में हुई अधिक बारिश से इस बार फसल को नुकसान हुआ है, जिससे सप्लाई कम हो गई है.
इस साल 194.6 लाख टन उत्पादन की उम्मीद
करीब दो हफ्ते पहले आंध्र प्रदेश की मदनपल्ले कृषि मंडी में थोक दाम 40 रुपये से बढ़कर 61 रुपये प्रति किलो से भी ऊपर पहुंच गए. ट्रेडरों का कहना है कि पिछले एक महीने से दाम लगातार बढ़ रहे हैं और मजबूत मांग के चलते अगले कुछ महीनों तक टमाटर की कीमतों में उतार- चढ़ाव जारी रह सकता है. टमाटर उत्पादन भी घटने का अनुमान है. साल 2023- 24 के 213.2 लाख टन के मुकाबले 2024- 25 में करीब 194.6 लाख टन उत्पादन होने की उम्मीद है.
देश में टमाटर उत्पादन में लगभग 18 राज्य योगदान देते हैं, जिनमें मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु और पंजाब प्रमुख हैं. उपभोक्ता मामलों विभाग के मुताबिक, अलग- अलग राज्यों में बोआई और कटाई के समय अलग होने की वजह से टमाटर के दाम साल भर बदलते रहते हैं.
प्याज के दाम 49 फीसदी और आलू के दाम 29 फीसदी कम
विभाग ने कहा कि टमाटर पूरे देश में उगाया जाता है, इसलिए किसी भी राज्य में उत्पादन प्रभावित होने पर पूरे सप्लाई चेन पर असर पड़ता है. जून- अगस्त और अक्टूबर- नवंबर को कम उत्पादन वाले महीनों के रूप में चिन्हित किया गया है, जिनमें दाम अक्सर बढ़ जाते हैं. इस बीच, प्याज का मॉडल रिटेल प्राइस पिछले महीने की तुलना में थोड़ा घटकर सोमवार को लगभग 26.38 रुपये प्रति किलो रहा, क्योंकि इस बार उत्पादन ज्याद हुआ है. आलू की कीमतें महीने भर में करीब 3 फीसदी बढ़कर 26.17 रुपये प्रति किलो हो गई हैं. हालांकि, पिछले साल के तुलना में प्याज के दाम 49 फीसदी और आलू के दाम 29 फीसदी कम हैं.