ग्वार की इन उन्नत किस्मों की करें खेती, रोगों और कीटों के प्रति हैं सहनशील

एचजी-2-20 (HG-2-20), ग्वार की इस किस्म को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा विकसित किया गया है. इसकी खासियत है कि यह अंगारी रोग और जल गलन रोगों के प्रति सहनशील होती है.

नोएडा | Updated On: 13 Jun, 2025 | 10:48 PM

किसी भी फसल के अच्छे उत्पादन के लिए बेहद जरूरी है कि किसान उस फसल की सही किस्मों का चुनाव करें ताकि उत्पादन और कमाई दोनों अच्छी हो सकें. श्रीअन्न फसलों में से एक प्रमुख फसल है ग्वार की फसल, जिसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. इस फसल की खास बात यह है कि ये कम पानी में भी अच्छी पैदावार देती है. अपनी खबर में हम आगे ग्वार (Cluster Bean) की ऐसी ही कुछ उन्नत किस्मों की बात करेंगे और जानेंगे कि क्या है उन किस्मों की खासियत.

ग्वार की उन्नत किस्में

आर जी सी-1038 (RGC-1038)

ग्वार की इस किस्म को बीकानेर के कृषि अनुसंधान केंद्र, दुर्गापुरा, जयपुर द्वारा साल 2007 में विकसित किया गया था. इसे विशेष रूप से खरीफ और जायद सीजन के लिए विकसित किया गया था और ग्वार की महत्वपूर्ण किस्मों में से एक ये किस्म है. बता दें कि यह किस्म बुवाई के करीब 100 से 105 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इसके पौधों की ऊंचाई लगभग 123. 53 सेमी तक होती है. इसकी खासियत है कि यह अंगमारी और झुलसा रोगों के प्रति सहनशील होती है.

एच जी-2-20 (HG-2-20)

एच जी-2-20 (HG-2-20), ग्वार की इस किस्म को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा विकसित किया गया है. इस किस्म को विशेष तौर पर राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे क्षेत्रों में खरीफ मौसम में उगाने के लिए सबसे सही है. इसके पौधे की ऊंचाई करीब 70 सेमी होती है और यह बुवाई के 90 से 100 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इसकी खासियत है कि यह अंगारी रोग और जल गलन रोगों के प्रति सहनशील होती है.

आर जी सी-1031 (RGC-1031)

आर जी सी-1031 (RGC-1031) ग्वार की प्रमुख किस्मों में से एक है जिसे खास तौर पर चारा और बीज उत्पादन के लिए कृषि अनुसंधान केंद्र, दुर्गापुरा, जयपुर द्वारा विकसित किया गया है. इसकी खेती खरीफ सीजन में राजस्थान में की जाती है. इसकी फसल बुवाई के करीब 90 से 100 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इसकी खासियत है कि यह बैक्टीरियल ब्लाइट, आल्टरनेरिया ब्लाइट, रूट रॉट, वाइल्ट और अन्य रोगों के प्रति सहनशील है. इसके अलावा ग्वार की ये किस्म गर्मी और ज्यादा तापमान में भी अच्छी पैदैवार देती है.

 

Published: 14 Jun, 2025 | 08:00 AM