बाढ़ग्रस्त पंजाब में कैसे सुधरेगी मिट्टी और खेती की हालत, कृषि एक्सपर्ट, किसान संगठनों ने बताया अचूक उपाय

1988 के बाद सबसे भयंकर बाढ़ के रूप में दर्ज इस आपदा ने पंजाब की कृषि व्यवस्था, बाजार और बुनियादी ढांचे को पटरी से उतार दिया है. ऐसे में पंजाब को फिर से ट्रैक पर लाने के लिए 250 कृषि संगठनों वाले एमएसपी किसान मोर्चा ने पीएम और सीएम के नाम चिट्ठी भेजकर सुझाव दिए हैं.

नोएडा | Updated On: 15 Sep, 2025 | 08:15 PM

Punjab News: पंजाब भयंकर बाढ़ की स्थितियों से गुजर रहा है. हिमाचल समेत पहाड़ों पर भूस्खलन और भयंकर बारिश से उफनाई नदियों ने पंजाब के 23 जिलों को अपने पानी के आगोश में ले लिया. इससे 1300 से ज्यादा गांव पानी में सराबोर हो गए और फसलें पूरी तरह से डूब गईं. हालांकि, अब पानी उतरने लगा है, लेकिन खेतों में अभी भी जलभराव बना हुआ है. 1988 के बाद सबसे भयंकर बाढ़ के रूप में दर्ज इस आपदा ने पंजाब की कृषि व्यवस्था, बाजार और बुनियादी ढांचे को पटरी से उतार दिया है. ऐसे में पंजाब को फिर से पटरी पर लाने के लिए 250 कृषि संगठनों वाले एमएसपी किसान मोर्चा ने पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम के नाम चिट्ठी भेजकर सुझाव दिए हैं. वहीं, कृषि वैज्ञानिकों ने खेतों को फिर से लहलहाने लायक बनाने के लिए मिट्टी में सुधार के उपाय बताए हैं.

अपने साथ सब बहा ले गई बाढ़

पंजाब से बहने वाली व्यास, रावी और घग्गर समेत अन्य नदियां पहाड़ों में भयंकर बारिश के बाद आए पानी से उफना गईं और इनका पानी पंजाब के अमृतसर, गुरदासपुर, फजिल्का समेत 23 जिलों के 2 हजार से अधिक गांवों में पानी घुस गया. भीषण बाढ़ की चपेट में आकर 46 लोगों की मौत हो गई और हजारों की संख्या में पशुधन की हानि हुई. जबकि, भारी संख्या में लोगों के घर-मकान पानी के आगोश में समा गए. बाढ़ से पंजाब में 6 लाख हेक्टेयर जमीन में खड़ी फसलें प्रभावित हुई हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 1.75 लाख हेक्टेयर में खड़ी फसलें पूरी तरह खराब हुई हैं. जबकि, किसान संगठनों का दावा है कि 6 लाख हेक्टेयर में खड़ी फसलें पानी में डूबकर चौपट हो गई है. सबसे ज्यादा नुकसान धान, कपास और दलहन फसलों को हुआ है. जबकि, मक्का और गन्ना की फसल के साथ बागवानी फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है. पंजाब में इसे 1988 के बाद सबसे भयंकर बाढ़ के रूप में दर्ज किया गया है.

किसान मोर्चा ने पंजाब को पटरी पर लाने का तरीका बताया

देश के 250 कृषि संगठनों वाले एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा के अध्यक्ष और किसान नेता वीएम सिंह ने पीएम मोदी, केंद्र सरकार और राज्य सरकार को चिट्ठी भेजकर पंजाब को पटरी पर लाने की गुजारिश की है और उपाय बताए हैं. वीएम सिंह ने कहा कि बाढ़ से खेतों में जमा हुई गाद को निकालना जरूरी है, ताकि रबी सीजन की फसलों की बुवाई की जा सके और इसके लिए अन्य राज्यों से भारी मशीनें मंगवाई जाएं.

खेत में जमी गाद ट्रैक्टर से नहीं हटेगी, बड़ी मशीनें लगाए सरकार

एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा के अध्यक्ष वीएम सिंह ने कहा कि पंजाब, जो देश को खाद्यान्न उपलब्ध कराने और देश को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है, इस आपदा से जूझ रहा है क्योंकि इसके गेहूं उत्पादक 6 जिले 4 से 8 फीट पानी में डूबे हुए हैं और यहां के खेत बाढ़ में आई गाद (सिल्ट) में डूबे हुए हैं. हमारी मुख्य चिंता गाद हटाने की है, जो ट्रैक्टरों से संभव नहीं है. इसलिए हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप आस-पास की राज्य सरकारों को निर्देश दें कि वे पंजाब को ब्लॉक स्तर पर उपलब्ध कराई जाने वाली ज्यादा से ज्यादा भारी मशीनें उपलब्ध कराएं ताकि गाद हटाने के बाद रबी की फसल की बुआई की जा सके. हमने ग्रामीणों से अपील की है कि वे पंजाब के लिए गेहूं के बीज इकट्ठा करना शुरू कर दें, क्योंकि बाढ़ में खाने के लिए गेहूं और बुवाई के लिए बीज दोनों पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं.

VM Singh Write latter to pm over punjab flood

पानी उतरने के बाद बीमारियों से बचाने का उपाय करे सरकार- वीएम सिंह

वीएम सिंह ने कहा कि पानी कम होने पर फैलने वाली संभावित बीमारियों से निपटने के लिए पर्याप्त दवाइयां और चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था की जाए. पानी कम होने के बाद बीमारियों का द्वार खुल जाएगा, इसलिए पंजाब सरकार को मनुष्यों और पशुओं, दोनों की बीमारियों से निपटने के लिए दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा के सदस्य किसान देशहित में पंजाब को पटरी पर लाने के लिए सेवाएं दे रहे हैं.

गीले खेतों को सुखाने के लिए जुताई करें किसान- कृषि वैज्ञानिक

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के करनाल हरियाणा में स्थित क्षेत्रीय स्टेशन भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR-IARI) के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. शिव कुमार यादव ने कहा कि किसानों को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन समय पर कार्रवाई से आगे होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि जहां पानी कम हो गया है, वहां किसानों को मिट्टी को लाभ पहुंचाने और सुधाने के लिए जुताई करनी चाहिए. कृषि वैज्ञानिक ने कहा कि मिट्टी की सेहत सुधारने के लिए जैविक खाद के साथ नाइट्रोजन का इस्तेमाल किसान करें. जिन खेतों में पानी रुका हुआ है वहां सानों को पंपों या नालियां बनाकर उसे मोड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि जहां गाद जमा हो गई है, वहां स्थिति में सुधार होने पर मिट्टी उपचार और नई बुवाई की जरूरत होगी.

Published: 15 Sep, 2025 | 08:02 PM
How To Improve Punjab Flood Affected Farm Land And Farming Ecosystem Agri Scientist And Farmers Organizations Msp Gkm Suggested Solution In Letter Sent To Pm Cm

बाढ़ग्रस्त पंजाब में कैसे सुधरेगी मिट्टी और खेती की हालत, कृषि एक्सपर्ट, किसान संगठनों ने बताया अचूक उपाय

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