अब फसल को बर्बाद नहीं करेगी नीलगाय, खेत की मेड़ में लगा दें ये पौधे.. डबल हो जाएगी इनकम

कृषि विषेशज्ञों का कहना है कि एक एकड़ खेत से आसानी से 70- 80 किलो पिपरमेंट तेल निकाला जा सकता है. कई किसानों ने अपने खेत के पास ही तेल निकालने की मशीनें लगा ली हैं, जिससे तेल निकालना आसान हो गया और बिचौलियों  पर निर्भरता खत्म हो गई है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 25 Nov, 2025 | 03:33 PM

Agriculture News: हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में गेहूं और अन्य रबी फसलों की बुवाई लगभग पूरी हो गई है. खेतों में बीज भी अंकुरित होकर पौधों का रूप ले चुके हैं. इसके साथ ही नीलगायों का आतंक भी बढ़ गया है. नीलगाय गेहूं और अन्य अंकुरित पौधों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इससे किसानों को फसल बर्बाद होने का भय सता रहा है. लेकिन किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. आज हम कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिसे अपनाते ही नीलगाय खेतों के आसपास भी नहीं आएंगे. खास बात यह है कि इसके लिए किसानों को ज्यादा खर्च करने की भी जरूरत नहीं है. 

दरअसल, नीलगाय के लगातार हमले से बचाने के लिए एक आसान तरीका खोज लिया गया है. एक्सपर्ट के मुताबिक, किसान फसल को नीलगाय से बचाने के लिए खेत की मेड़ पर खुशबूदार और दवा वाले पौधे लगा सकते हैं. इन पौधौं की खुशबू से नीलगाय  फसल के आसापास भी नहीं आते हैं. कृषि एक्सपर्ट के मुताबिक, किसान अगर चाहें, तो पिपरमेंट, पामारोजा, तुलसी और लेमन ग्रास जैसी पौधें खेत की मेड़ पर लगा सकते हैं. क्योंकि इनकी खुशबू नीलगाय को आकर्षित नहीं करती और किसान अपनी फसल सुरक्षित रखते हुए आय भी बढ़ा सकते हैं.

खेत के आसपास भी नहीं आएंगी नीलगाय

इन पौधों की तेज खुशबू और पत्तों में मौजूद खास तत्वों की वजह से नीलगाय और अन्य जानवर इन फसलों के पास नहीं आते. इसका फायदा यह होता है कि किसानों को खेत की लगातार रखवाली करने की जरूरत नहीं पड़ती. खास बात है कि ये पौधे औषधीय गुणों वाले हैं. इनका इस्तेमाल दवाइयां बनाने में किया जाता है. ऐसे में पिपरमेंट जैसे पौधे किसानों के लिए दवा वाली फसलें नई कमाई का जरिया बन सकते हैं.

किसानों की बढ़ जाएगी कमाई

कृषि विषेशज्ञों का कहना है कि एक एकड़ खेत से आसानी से 70- 80 किलो पिपरमेंट तेल निकाला जा सकता है. कई किसानों ने अपने खेत के पास ही तेल निकालने की मशीनें लगा ली हैं, जिससे तेल निकालना आसान हो गया और बिचौलियों  पर निर्भरता खत्म हो गई है. बाजार में पिपरमेंट तेल की कीमत 1500 रुपये प्रति लीटर तक है. वहीं तुलसी, पामारोजा और लेमन ग्रास के तेल की भी बाजार में अच्छी मांग है, जिससे किसान आसानी से अपनी आय बढ़ा सकते हैं.

90 दिनों में तैयार हो जाती है फसल

खास बात यह है कि इन दवा वाली फसलों का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये लगभग 90 दिनों में तैयार हो जाती हैं. मुख्य फसल के साथ-साथ किसान तुलसी, पामारोजा और लेमन ग्रास  का तेल बेचकर भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इन वजहों से किसानों की आमदनी स्थिर होने के साथ-साथ दोगुनी भी हो जाएगी. 

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Published: 25 Nov, 2025 | 03:29 PM

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