प्राकृतिक खेती पर संजीदा यूपी सरकार.. क्लस्टरों की निगरानी के निर्देश, लापरवाही पर नपेंगे अफसर

प्राकृतिक खेती के लिए सही मिट्टी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश के किसानों से अबतक 82 हजार से ज्यादा मिट्टी के सैंपल नमूने लिए गए हैं. कृषि विश्वविद्यालयों को ये निर्देश दिए हैं कि वे केवल बुनियादी ढांचे के निर्माण तक सीमित न रहकर रिसर्च आधारित प्रोजेक्ट पर भी काम करें, जिससे किसानों को सीधा फायदा मिल सके.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Updated On: 21 Aug, 2025 | 09:56 AM

उत्तर प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को लगातार प्रोत्साहित कर रही है और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं भी चली रही है. इस कड़ी में अब प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे प्राकृतिक खेती से जुड़ी योजनाओं किसानों तक सही ढंग से पहुंचाना सुनिश्चित करें.

साथ ही उन्होंने ये भी निर्देश दिया कि किसी भी तरह की लापरवाही पाए जाने पर अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए. प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के पीछे प्रदेश सरकार का उद्देश्य मिट्टी की उर्वरता बढ़ाना और जस संरक्षण करना है. ताकि किसानों को अपने जैविक उत्पादों की बाजार में अच्छी कीमत भी मिलेगी.

किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने की अपील

प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों से अपील की है कि वे प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को दिए जाने वाली ट्रेनिंग और आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल अपने खेतों में करें. इस दौरान कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि प्राकृतिक खेती किसानों की आय बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण का सशक्त माध्यम है, इसे मिशन मोड में आगे बढ़ाया जाए.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार यूपी के 75 जिलों और 318 विकासखंडों में 1886 क्लस्टरों का गठन किया जा चुका है. इसके साथ ही इन क्लस्टरों के लिए 3772 कृषि सखियों का चुनाव कर उन्हें ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है. प्रदेश सरकार की इस योजना के तहत अबतक 2.20 लाख से ज्यादा किसानों को ट्रेनिंग दी गई है.

82 हजार से ज्यादा मिट्टी के नमूने लिए गए

प्राकृतिक खेती के लिए सही मिट्टी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश के किसानों से अबतक 82 हजार से ज्यादा मिट्टी के सैंपल नमूने लिए गए हैं. इसके साथ ही 38 स्थानीय प्राकृतिक खेती संस्थान (LNFI) से 38 मॉडल फार्म विकसित किए गए हैं और 199 वैज्ञानिक, फार्मर मास्टर ट्रेनरों के साथ-साथ 120 विभागीय अधिकारियों को भी ट्रेन किया गया है.

हाल ही में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी में वैज्ञानिकों और फार्मर मास्टर ट्रेनरों का विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया गया था. सभी संबंधित अधिकारियों के साथ की गई बैठक में प्रदेश के कृषि मंत्री ने सभी कृषि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में टीश्यू कल्चर लैब, ऑडिटोरियम, इनक्यूबेशन सेंटर, ऑर्गेनिक लैब और अन्य निर्माण प्रस्तावों के कामों पर चर्चा की गई.

रिसर्च आधारित प्रोजेक्ट पर काम करें विश्वविद्यालय

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने प्रदेश के सभी कृषि विश्वविद्यालयों को ये निर्देश दिए हैं कि वे केवल बुनियादी ढांचे के निर्माण तक सीमित न रहकर रिसर्च आधारित प्रोजेक्ट पर भी काम करें. उन्होंने कहा कि सभी कृषि विश्वविद्यालयों को आने वाले सालों के लिए एक विजन बनाना चाहिए जिससे ये स्पष्ट हो सके कि भविष्य में उनके द्वारा किए गए शोध या अनुसंधान का किसानों को किस तरह फायदा मिलेगा.

कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने भी अधिकारियों और कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को ये निर्देश दिए हैं कि वे ऐसे शोध करने के लिए ऐसी योजनाएं बनाएं जिनसे किसानों की लागत कम हो और उत्पादन में बढ़ोतरी हो.

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Published: 21 Aug, 2025 | 06:00 AM

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