आजकल किसान भाई अपने पशुओं से अच्छी दूध उत्पादन की उम्मीद रखते हैं, लेकिन कई बार तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें निराशा ही हाथ लगती है. बाजार से महंगे चारे और सप्लीमेंट लाने के बावजूद गाय-भैंस ठीक से दूध नहीं देतीं. ऐसे में किसानों को लगता है कि शायद उनकी देखरेख या खर्च में कुछ कमी रह गई है. लेकिन असल बात यह है कि जानवरों को सही मात्रा में पोषक तत्वों वाला चारा मिलना चाहिए, तभी दूध की मात्रा में इजाफा होता है. इसी के लिए एक खास चारा है- साइलेज, जो आजकल देशभर के डेयरी किसान अपना रहे हैं. आइए जानते हैं साइलेज क्या है, कैसे बनता है, कितना खिलाना चाहिए और इससे दूध की मात्रा कैसे बढ़ती है.
साइलेज चारा क्या है और क्यों है खास?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, साइलेज एक ऐसा चारा होता है जो हरे चारे को खास तकनीक से संग्रहित (स्टोर) करके बनाया जाता है. इसे कई हफ्तों तक स्टोर करके भी इस्तेमाल किया जा सकता है और इसके पोषण तत्व 85-90 फीसदी तक सुरक्षित रहते हैं. इसमें जानवरों के लिए ज़रूरी कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर और खनिज मौजूद रहते हैं. साइलेज चारा आमतौर पर मक्का, ज्वार, बाजरा, जौ जैसी दाने वाली फसलों से तैयार किया जाता है. यह चारा जानवरों की पाचन क्षमता को सुधारता है, उन्हें ऊर्जावान बनाता है और दूध देने की ताकत को बढ़ाता है.
दूध की मात्रा बढ़ेगी, बस सही तरीके से खिलाएं
कई किसान सोचते हैं कि अगर साइलेज चारा इतना फायदेमंद है तो इसे भरपूर मात्रा में खिलाना चाहिए, लेकिन ऐसा करना गलत हो सकता है. किसी भी चीज की अति ठीक नहीं होती. विशेषज्ञों के अनुसार, यदि किसी दुधारू पशु का वजन लगभग 550 किलोग्राम है, तो उसे 25 किलोग्राम तक ही साइलेज चारा दिया जाना चाहिए. छोटे और कमजोर जानवरों को यह चारा सूखे चारे के साथ मिलाकर खिलाना चाहिए, ताकि उनका पाचन सही बना रहे. सही मात्रा में दिया गया साइलेज चारा दूध की मात्रा को बढ़ाने में मददगार होता है.
साइलेज में पाए जाने वाले पोषक तत्व
साइलेज चारा सिर्फ हरापन ही नहीं, बल्कि इसके भीतर जानवरों के लिए ढेर सारे जरूरी पोषक तत्व होते हैं. इसमें-
- 85-90 फीसदी हरे चारे का पोषण
- पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट
- एनर्जी बढ़ाने वाले तत्व
- पाचन को मजबूत बनाने वाले फाइबर और कई जरूरी खनिज पाए जाते हैं.
ये सभी मिलकर जानवरों के शरीर को ताकत देते हैं, दूध की ग्रंथियों को एक्टिव करते हैं और दूध की मात्रा को प्राकृतिक रूप से बढ़ाते हैं.
कैसे बनाएं साइलेज चारा घर पर
अगर आप बाजार से महंगा चारा खरीदने में सक्षम नहीं हैं, तो आप अपने खेत में उगाए गए चारे से भी घर पर साइलेज बना सकते हैं. इसके लिए मक्का, बाजरा, ज्वार जैसी फसलों की जरूरत होगी. साइलेज बनाने के लिए एक साफ और सूखा स्थान चुनें. गड्ढा ऊंची जगह पर बनाएं, ताकि बारिश का पानी उसमें न घुसे. फिर हरे चारे को छोटे टुकड़ों में काटकर, अच्छे से दबाकर और ढककर उसमें रखें. कुछ समय बाद यह चारा सड़ने के बजाय फर्मेंटेशन की प्रक्रिया से गुज़रता है और पोषक तत्वों से भर जाता है.
गाय-भैंस कितना दूध दे सकती है साइलेज से?
अब सबसे अहम सवाल- साइलेज खिलाने से जानवर कितना दूध देगा? इसका जवाब है – काफी ज्यादा. अगर आप नियमित रूप से अपने गाय या भैंस को संतुलित मात्रा में साइलेज चारा खिलाते हैं, तो आपको हर दिन बाल्टी भरकर दूध मिल सकता है, या इससे भी ज्यादा. इसके साथ अगर जानवर को पर्याप्त पानी, आराम और साफ-सफाई का माहौल दिया जाए, तो दूध की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में सुधार होगा.