Bihar News: बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने लंगड़ी रोग से बचाव और उपचार के लिए कुछ आसान और जरूरी सुझाव दिए हैं. लंगड़ी रोग पशुओं में एक आम समस्या है जो उनकी चलने-फिरने की क्षमता को प्रभावित करता है. यदि समय रहते सही कदम नहीं उठाए गए तो यह बीमारी पशुओं की सेहत और उत्पादन दोनों पर बुरा असर डालती है. इसलिए इस बीमारी को समझना और उससे बचाव के उपाय अपनाना बेहद जरूरी है.
जानवरों का रहने का स्थान साफ-सुथरा रखें
पशुओं को साफ और स्वच्छ जगह पर रखना सबसे जरूरी होता है. गंदगी और नमी के कारण लंगड़ी रोग फैलने की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए पशुओं के रहने वाले स्थान को रोजाना साफ करें, गीली जगहों को सुखाएं और झाड़ू लगाकर कीचड़ हटाएं. अच्छी हवादार जगह पर पशुओं को रखें ताकि उन्हें आराम और स्वास्थ्य दोनों मिल सके.
बीमार पशुओं को अलग रखें
अगर किसी पशु में लंगड़ी रोग के लक्षण दिखें तो उसे तुरंत बाकी जानवरों से अलग कर दें. इससे बीमारी के फैलने का खतरा कम हो जाता है. बीमार पशु की देखभाल विशेष रूप से करनी चाहिए ताकि वे जल्दी स्वस्थ हो सकें और बाकी जानवर सुरक्षित रहें.
लंगड़ी रोग के सामान्य सुझाव।@renu_bjp@Agribih@Dept_of_AHD@IPRDBihar@HorticultureBih@vijayaias#comfed#dairy#pashupalak#fish#fisheries#BiharAnimalAndFisheriesResourcesDept pic.twitter.com/ftDLBz39Kn
— Animal & Fisheries Resources Dept., Bihar (@BiharAFRD) September 13, 2025
समय-समय पर पशु चिकित्सक से जांच कराएं
लंगड़ी रोग को जल्दी पहचानना और उपचार शुरू करना बहुत जरूरी है. यदि पशुओं में कोई अजीब लक्षण नजर आएं, जैसे चलने में दिक्कत, दर्द या कमजोरी, तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें. समय पर इलाज से पशु जल्दी ठीक होते हैं और गंभीर समस्या होने से बचती है.
पोषण का विशेष ध्यान रखें
पशुओं को सही और पौष्टिक आहार देना भी उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है. विटामिन, मिनरल और अच्छे चारे का सेवन पशुओं को स्वस्थ रखता है और बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनाता है. बीमार पशुओं को विशेष आहार और दवाएं भी दी जानी चाहिए.
साफ-सफाई और जैव सुरक्षा अपनाएं
पशुओं के आस-पास की सफाई और कीटाणु नियंत्रण बहुत जरूरी है. नियमित रूप से पशुओं के ठिकानों को साफ करें, संक्रमित जगहों को कीटनाशक या सेनेटाइजर से साफ करें. इसके अलावा, जानवरों के उपकरण, बर्तन और चरागाह की भी अच्छी देखभाल करें. इससे लंगड़ी रोग और अन्य बीमारियों से बचाव होता है.
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