How to Increase Fish Weight Tips: आज के समय में किसान खेती के साथ-साथ ऐसे बिजनेस भी तलाश रहे हैं, जिनसे कम खर्च में पक्की कमाई हो सके. दूध, सब्जी और अनाज तक तो सब करते हैं, लेकिन अगर आप थोड़ा दिमाग लगाएं तो मछली पालन यानी फिश फार्मिंग भी आपको घर बैठे लखपति बना सकती है. सुनने में भले ही यह मुश्किल लगे, लेकिन सच यह है कि अगर मछलियों को सही तरीका और सस्ता चारा मिल जाए तो उनकी ग्रोथ दोगुनी हो सकती है और आपकी कमाई भी कई गुना बढ़ सकती है. खास बात यह है कि यह चारा आप बाजार से महंगा खरीदने के बजाय अपने घर पर ही तैयार कर सकते हैं- वो भी सिर्फ गोबर और देसी तरीकों से.
तालाब कितनी गहराई का होना चाहिए?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, फिश फार्मिंग शुरू करने के लिए सबसे पहला सवाल यही आता है कि तालाब कैसा हो? विशेषज्ञों के अनुसार 5 से 6 फीट गहरा तालाब सबसे बेहतर माना जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इतनी गहराई में सूरज की रोशनी नीचे तक पहुंचती है और प्लैंक्टन नाम के सूक्ष्म जीव पैदा होते हैं. यही प्लैंक्टन मछलियों का पहला और सबसे जरूरी खाना होते हैं. ऊपरी पानी में रोशनी ज्यादा पड़ती है, इसलिए वहां लगभग 60 फीसदी प्लैंक्टन मिलता है, जबकि बीच और नीचे के हिस्से में केवल 20 प्रतिशत तक मिलता है. यानी तालाब के हर लेयर में मछलियां अपने हिसाब से खाना ढूंढ लेती हैं.
कंपोजिट फिश कल्चर
अगर आप चाहते हैं कि तालाब का हर हिस्सा इस्तेमाल हो और हर कोने से मुनाफा निकले, तो कंपोजिट फिश कल्चर सबसे अच्छा तरीका है. इस सिस्टम में अलग-अलग लेवल पर खाने वाली मछलियां एक साथ पाली जाती हैं. जैसे कॉमन कॉर्प और कतला ऊपर और बीच वाले हिस्से में खाना ढूंढती हैं. वहीं सिल्वर कॉर्प और नैनी नीचे के तल में अपना भोजन तलाशती हैं. इस तरीके से तालाब के हर कोने का सही उपयोग होता है और सभी मछलियां बराबर बढ़ती हैं.
कम चारे से रुकती है ग्रोथ
कई मछली पालक शुरुआत में तो अच्छे से जीरा यानी छोटी मछलियां डाल देते हैं, लेकिन बाद में पैसे की कमी होने के कारण उचित मात्रा में चारा नहीं डालते. नतीजा यह होता है कि मछलियां ठीक से बढ़ नहीं पातीं और जो कमाई होनी चाहिए वह नहीं हो पाती. ऐसे में सवाल आता है कि ऐसा क्या करें जिससे बिना ज्यादा खर्च के चारा मिले? इसका जवाब है- आपके घर का ही गोबर.
गोबर बनेगा मछलियों का पॉवर फूड
अगर आपके पास गाय, भैंस या बकरी है तो समझ लीजिए आपके पास मछलियों के लिए तैयार चारा मौजूद है. जी हां, गोबर में नाइट्रोजन भरपूर होता है और मछलियां इसे खाने पर तेजी से बढ़ती हैं. किसान चाहे तो सीधा गोबर तालाब में डाल सकते हैं. बकरी का मल भी बहुत फायदेमंद होता है. इसे चूरन बनाकर पानी में मिलाने पर यह तुरंत घुल जाता है और मछलियां आसानी से खा लेती हैं.
कितना गोबर डालना चाहिए? यहां जानिए पूरा फार्मूला
अगर आप एक हेक्टेयर में फिश फार्मिंग शुरू कर रहे हैं तो शुरुआत में लगभग 2000 किलो गोबर तालाब में डालें. इससे प्लैंक्टन की संख्या तेजी से बढ़ेगी और मछलियां कुशलता से भूख मिटा सकेंगी. इसके बाद हर महीने करीब 1000 किलो गोबर डालते रहें. इस तरीके को देश के बड़े रिसर्च संस्थानों ने भी सही बताया है और कई जगह गोबर की गोली बनाकर भी इस्तेमाल की जा रही है.
कम खर्च, ज्यादा मुनाफा
मछली पालन की असली खासियत यह है कि इसे बड़े बजट के बिना भी शुरू किया जा सकता है. अगर तालाब आपका खुद का है तो खर्च और भी कम हो जाता है. ऊपर से अगर चारा भी अपने घर से ही मिल जाए, तो फिर क्या ही कहना, एक बार मछलियां तैयार हो जाएं तो मार्केट में इसकी कीमत कभी कम नहीं होती. होटल, शादी समारोह, शहरों की मंडियां- हर जगह इसकी डिमांड बनी रहती है. कई किसान तो इसे सालभर की पक्की इनकम का जरिया बना चुके हैं.