सिर्फ चारा नहीं पानी भी है जरूरी, जानिए कैसे इसकी कमी घटा देती है पशुओं का दूध

Animal Health : पशुपालन में सिर्फ अच्छा चारा ही नहीं, बल्कि साफ और भरपूर पानी भी उतना ही जरूरी है. बिहार सरकार के अनुसार पानी की कमी से दूध उत्पादन घटता है और बीमारियों का खतरा बढ़ता है. सही समय पर सही मात्रा में पानी देकर पशुओं को स्वस्थ और मुनाफे वाला बनाया जा सकता है.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 31 Dec, 2025 | 02:20 PM
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Animal Health : गांवों में अक्सर यह माना जाता है कि चारा अच्छा हो तो पशु अपने आप स्वस्थ रहेगा, लेकिन असली सच इससे थोड़ा अलग है. पशुपालन विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर पशु को समय पर साफ और भरपूर पानी न मिले, तो अच्छा से अच्छा चारा भी बेकार हो जाता है. बिहार सरकार के डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग और पशुपालन निदेशालय ने पशुपालकों को पशुओं के स्वास्थ्य को लेकर कुछ जरूरी संकेत बताए हैं, जिन पर ध्यान देकर बीमारी से पहले ही बचाव किया जा सकता है.

दूध के पीछे छुपी पानी की असली कहानी

पशुपालन निदेशालय के अनुसार, एक पशु जितना दूध  देता है, उसके पीछे पानी की बहुत बड़ी भूमिका होती है. विभाग का साफ कहना है कि एक लीटर दूध उत्पादन के लिए पशु को लगभग 3 से 5 लीटर पानी की जरूरत होती है. यानी अगर गाय या भैंस 10 लीटर दूध दे रही है, तो उसे कम से कम 30 से 50 लीटर पानी चाहिए. अगर पानी कम मिला, तो सबसे पहले दूध की मात्रा घटने लगती है और धीरे-धीरे पशु कमजोर होने लगता है.

गर्मी में बढ़ जाता है खतरा, लापरवाही पड़ सकती है भारी

गर्मी के मौसम में पशुओं को सबसे ज्यादा परेशानी  होती है. तेज धूप और बढ़ते तापमान के कारण पशु के शरीर से पानी तेजी से निकलता है. ऐसे में अगर उसे पर्याप्त पानी न मिले, तो डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है. विभाग के अनुसार, गर्मियों में पशुओं को सामान्य से ज्यादा बार पानी पिलाना चाहिए. पानी गंदा या बदबूदार होगा, तो पशु पीना कम कर देगा, जिसका सीधा असर दूध उत्पादन और सेहत पर पड़ेगा.

ये संकेत दिखें तो तुरंत हो जाएं सतर्क

बिहार सरकार के पशुपालन निदेशालय ने कुछ ऐसे संकेत बताए हैं, जिन्हें हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है. अगर पशु अचानक दूध कम देने लगे, पानी पीना बंद कर दे या जरूरत से ज्यादा पानी पीने लगे, तो यह बीमारी का इशारा हो सकता है. खासकर अगर पशु के मूत्र में खून दिखे या पेशाब कॉफी के रंग का हो जाए, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत है. ऐसे में देरी किए बिना पशु चिकित्सक से संपर्क करना जरूरी है.

साफ पानी से ही होगा पशुपालन सुरक्षित और फायदेमंद

विभाग का कहना है कि पशुओं के पास हर समय स्वच्छ और ताजा पीने का पानी उपलब्ध रहना चाहिए. पानी की टंकी या नांद को रोज साफ करना, दिन में कई बार पानी बदलना और गर्मी में छांव की व्यवस्था करना बेहद जरूरी है. छोटे-छोटे ये उपाय न सिर्फ पशु को स्वस्थ रखते हैं, बल्कि दूध उत्पादन  बढ़ाकर पशुपालक की आमदनी भी मजबूत करते हैं. सरकार की यह सलाह साफ इशारा करती है कि पशुपालन में सफलता का सबसे सस्ता और असरदार मंत्र है-साफ पानी, समय पर पानी और भरपूर पानी.

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Published: 31 Dec, 2025 | 02:20 PM

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