सोनपरी बकरी ने बदली किसानों की किस्मत, कम खर्च में लाखों रुपये कमाने का सुनहरा मौका

देशभर में सोनपरी बकरी की डिमांड तेजी से बढ़ रही है. यह नस्ल मांस और प्रजनन दोनों के लिए बेहतरीन मानी जाती है. किसान इसे कम खर्च में पालकर लाखों की आमदनी कमा रहे हैं. सरकार भी बकरी पालन को बढ़ावा दे रही है.

Kisan India
नोएडा | Published: 1 Nov, 2025 | 09:54 PM

Goat Farming: अगर आप खेती के साथ कोई ऐसा साइड बिजनेस करना चाहते हैं जिससे हर महीने अच्छी आमदनी हो, तो बकरी पालन आपके लिए बेहतरीन विकल्प बन सकता है. खासकर सोनपरी नस्ल की बकरी तो किसानों की किस्मत बदल रही है. इसकी डिमांड इतनी ज्यादा है कि गांवों से लेकर शहर तक हर जगह इसके खरीदार मौजूद हैं. आइए जानते हैं, क्या है इस बकरी की खासियत और क्यों इसे पशुपालकों की पहली पसंद कहा जाता है.

सोनपरी बकरी क्यों है खास?

मीडिया  रिपोर्ट के अनुसार, बकरी पालन  भारत में हमेशा से आमदनी का अच्छा जरिया रहा है, लेकिन सोनपरी नस्ल ने इसमें नई क्रांति ला दी है. यह बकरी अपने तेजी से बढ़ने वाले वजन, मांस की बेहतरीन क्वालिटी और कम देखभाल की वजह से लोकप्रिय है. इस नस्ल को बैरारी और ब्लैक बंगाल बकरी से क्रॉस ब्रीड करके तैयार किया गया है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह मांस उत्पादन के लिए बहुत उपयुक्त है और किसानों को कम समय में अच्छा फायदा देती है. यही कारण है कि आज देश के कई हिस्सों में इस नस्ल की बकरी  बड़े पैमाने पर पाली जा रही है.

 यह है असली सोनपरी

सोनपरी बकरी दिखने में जितनी सुंदर होती है, उतनी ही मजबूत भी होती है. इसका रंग हल्का भूरा होता है, जिसकी पीठ पर सिर से पूंछ तक काली लाइन दिखाई देती है. इसके गले के चारों ओर काले रंग  का गोल निशान इसकी पहचान बनाता है. इसके सींग पीछे की ओर मुड़े हुए होते हैं और शरीर आकार में संतुलित दिखता है. यह नस्ल न सिर्फ दिखने में आकर्षक है बल्कि मजबूत प्रतिरोधक क्षमता के कारण बीमारियों से भी जल्दी नहीं ग्रसित होती.

जगह की जरूरत नहीं

अगर आपके पास ज्यादा जगह नहीं है, तो भी आप सोनपरी बकरी  का पालन कर सकते हैं. यह बकरी सामान्य बकरियों की तरह ही घर के आंगन या खेत के पास रखी जा सकती है. सोनपरी को किसी विशेष वातावरण या बड़े फार्म की जरूरत नहीं होती. बस साफ-सुथरा और सूखा वातावरण, हरा चारा और साफ पानी- इनसे यह तेजी से बढ़ती है. सबसे खास बात यह है कि यह बकरी एक बार में तीन से चार बच्चे देने में सक्षम होती है. यानी, एक-दो साल में आपकी बकरियों की संख्या कई गुना बढ़ सकती है.

कीमत और मुनाफे का पूरा हिसाब

अब बात करते हैं सबसे जरूरी हिस्से की-कमाई की, सोनपरी नस्ल का एक वयस्क बकरा आमतौर पर 25 से 28 किलो तक वजन का होता है. इसका मांस बेहद स्वादिष्ट और कोमल माना जाता है. यही कारण है कि मार्केट में इसकी कीमत 20,000 रुपये से 25,000 रुपये तक आसानी से मिल जाती है. अगर कोई किसान 10 सोनपरी बकरियां पालता है, तो सालभर में वह करीब 1.5 से 2.5 लाख रुपये तक की कमाई कर सकता है. यह सब बहुत कम खर्च में संभव है क्योंकि इस नस्ल को विशेष खानपान या दवा की जरूरत नहीं पड़ती.

मिट्टी से जुड़ा सुनहरा बिजनेस

आज के समय में जहां खेती से मुनाफा कम होता जा रहा है, वहीं बकरी पालन किसानों के लिए एक स्थायी आमदनी का जरिया बनकर उभरा है. सोनपरी नस्ल की बकरी उन किसानों के लिए वरदान है जो मेहनत के साथ बेहतर आमदनी चाहते हैं. इसका मांस बाजार में हमेशा मांग में रहता है, इसलिए बिक्री की चिंता भी नहीं रहती. अगर कोई किसान थोड़ा प्रशिक्षण लेकर इसे शुरू करे, तो वह बहुत जल्दी अपना खुद का गोअट फार्मिंग बिजनेस खड़ा कर सकता है. सरकार और कई कृषि संस्थान भी आजकल बकरी पालन पर ट्रेनिंग दे रहे हैं, जिससे ग्रामीण युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं.

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