Winter Cow Care : सर्दियों की ठिठुरन जैसे-जैसे बढ़ती है, वैसे-वैसे दुधारू पशुओं की सेहत और दूध दोनों पर असर दिखने लगता है. कई पशुपालक यह शिकायत करते हैं कि ठंड शुरू होते ही गाय-भैंस सुस्त हो जाती हैं, कम चारा खाती हैं और दूध भी पहले से कम देने लगती हैं. लेकिन अच्छी खबर यह है कि अगर सर्दियों में खान-पान और देखभाल पर थोड़ा ध्यान दे दिया जाए, तो पशु पूरे मौसम स्वस्थ रहते हैं और दूध उत्पादन में भी कोई गिरावट नहीं आती. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ देसी चीजें तो सर्दियों में मवेशियों के लिए टॉनिक की तरह काम करती हैं.
ठंड में क्यों कमजोर पड़ जाते हैं दुधारू पशु
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ठंड बढ़ते ही गाय-भैंस की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है. ठंडी हवा, गीली जमीन और कम धूप के कारण शरीर को ज्यादा ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है. अगर आहार से यह ऊर्जा पूरी न हो, तो पशु जल्दी बीमार पड़ जाते हैं. इसका सीधा असर दूध उत्पादन पर पड़ता है, जो कई बार 15 से 20 प्रतिशत तक कम हो सकता है. यही वजह है कि सर्दियों में सामान्य दिनों से ज्यादा पोषण देना जरूरी माना जाता है.
हरा चारा बनता है सर्दियों का सबसे बड़ा सहारा
सर्द मौसम में हरा चारा मवेशियों के लिए किसी दवा से कम नहीं होता. रिपोर्ट्स के अनुसार, सूडान घास, नेपियर घास, लेमन ग्रास और सहजन के पत्ते सर्दियों में बेहद फायदेमंद हैं. इनमें कैल्शियम और प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जिससे पशुओं की ताकत बनी रहती है. हरा चारा न सिर्फ पाचन को दुरुस्त रखता है, बल्कि शरीर में गर्मी बनाए रखने में भी मदद करता है.
देसी आहार से मिलती है अतिरिक्त ऊर्जा
मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि ठंड के मौसम में सुबह और शाम के भोजन में पुवाल की कुट्टी, चोकर और खल्ली को जरूर शामिल करना चाहिए. ये आहार पशुओं को तुरंत ऊर्जा देते हैं और शरीर को ठंड से लड़ने की ताकत देते हैं. खास बात यह है कि ये चीजें आसानी से उपलब्ध होती हैं और ज्यादा खर्च भी नहीं बढ़ातीं. सही मात्रा में दिया गया यह देसी आहार दूध उत्पादन को स्थिर रखने में मदद करता है.
गुड़ है सर्दियों का देसी टॉनिक
सर्दियों में गाय-भैंस को गुड़ खिलाना बेहद फायदेमंद माना जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गुड़ शरीर में प्राकृतिक गर्मी पैदा करता है और पाचन को भी बेहतर बनाता है. इससे पशु सक्रिय रहते हैं और बीमारियों का खतरा कम हो जाता है. कई पशुपालक बताते हैं कि सर्दियों में नियमित रूप से थोड़ा-सा गुड़ देने से दूध की मात्रा और गुणवत्ता दोनों में सुधार देखने को मिलता है.