सर्दियों में ऐसे करें मछलियों की देखभाल, कम मेहनत में मिल सकती है 2 लाख तक कमाई

सर्दी के मौसम में मछलियों की ग्रोथ रुक जाती है और उनके मरने का डर बढ़ जाता है, लेकिन किसान कुछ सरल उपाय अपनाकर मत्स्य पालन को सुरक्षित रख सकते हैं. सही तापमान, पौष्टिक आहार और रोज़ ताजा पानी देने से मछलियां स्वस्थ रहती हैं और इसी देखभाल से किसान साल में लाखों की कमाई कर पाते हैं.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 28 Nov, 2025 | 03:43 PM

Fish Farming : गांवों में जब सर्द हवाएं चलती हैं, तो किसान की सबसे बड़ी चिंता होती है कि कहीं ठंड से मछलियों को नुकसान न हो जाए. यह चिंता बेवजह नहीं है, क्योंकि तापमान गिरते ही मछलियों की ग्रोथ रुक जाती है, भूख कम हो जाती है और कई बार उनकी मौत भी होने लगती है. लेकिन अगर किसान सही तरीके अपनाएं, तो यही सर्दी मुनाफे का मौसम भी बन सकती है. आज कई किसान खेती के साथ मछली पालन जोड़कर सालाना 1 से 2 लाख रुपये तक की कमाई कर रहे हैं. बस जरूरत है ठंड के दिनों में सही देखभाल की. आइए जानते हैं सर्दियों में मछलियों की सुरक्षा और अच्छी आमदनी के लिए जरूरी टिप्स.

ठंड में क्यों बढ़ जाता है खतरा? समझिए असली वजह

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सर्दी में तालाब  का पानी जल्दी ठंडा हो जाता है, जिससे मछलियों का शरीर सुस्त पड़ने लगता है. ठंड बढ़ते ही उनकी भूख कम हो जाती है और विकास की गति लगभग रुक जाती है. यही वजह है कि सर्दी में मछलियों की मृत्यु दर बढ़ जाता है. ग्रामीण क्षेत्रों के कई किसान अब मत्स्य पालन से आय बढ़ा रहे हैं, इसलिए उन्हें यह समझना जरूरी है कि मछलियां ठंड में किस तरह प्रभावित होती हैं और उन्हें बचाने के लिए कौन से कदम उठाने चाहिए.

तालाब का तापमान रखें सही, तभी बढ़ेगी ग्रोथ

सर्दियों में मछली पालन  करते समय सबसे जरूरी बात है कि तालाब के पानी का तापमान. मछलियों की बेहतर ग्रोथ 25 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान में ही होती है. इससे कम तापमान होने पर मछलियों का खाना पचता नहीं और शरीर कमजोर पड़ने लगता है. ऐसे में किसान रोजाना 2 से 3 घंटे तालाब में ताजा पानी चलाएं. इससे ठंडा पानी थोड़ा गर्म होता है और तालाब की परतें संतुलित रहती हैं. तालाब में तीन परतें बनती हैंऊपरी परत में कतला रहती है, बीच वाली परत में रोहू और आखिरी परत में मृगल मछली रहती है. अगर तापमान गड़बड़ हो जाए, तो ये परतें बिगड़ जाती हैं और मछलियों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. इसलिए सर्दी में पानी की गुणवत्ता और तापमान  पर लगातार नजर रखना बेहद जरूरी है.

सही आहार दें, मछलियों को मिले ताकत और गर्मी

सर्दियों में मछलियों  की भूख कम हो जाती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें खाना देना बंद कर दें. बल्कि उन्हें प्रोटीन से भरपूर आहार देना चाहिए, ताकि उनका शरीर ठंड के असर से बचा रहे. किसान प्रोटीन युक्त दाना दे सकते हैं, या चाहें तो घर पर ही प्रोटीन की गोलियां बनाकर तालाब में डाल सकते हैं. ऐसा आहार मछलियों को ठंड से बचाता है, बीमारियों से दूर रखता है और मौत का खतरा भी कम करता है. फीडिंग का समय भी तय होना चाहिए, ताकि मछलियां नियम से खाना खाएं और उनकी ग्रोथ बनी रहे.

बीमारी दिखे तो तुरंत विशेषज्ञ की सलाह लें, देर न करें

अगर मछली सतह पर बार-बार आए, खाना न खाए, बहुत सुस्त दिखे या पानी से ऊपर कूदने लगे, तो ये बीमारी के संकेत हैं. ऐसे लक्षणों को कभी भी नजरअंदाज न करें, क्योंकि देर करने से पूरा तालाब प्रभावित हो सकता है. इस स्थिति में तुरंत मत्स्य विभाग या किसी अनुभवी विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है. सही समय पर ट्रीटमेंट मिलने से मछलियों की ग्रोथ फिर से सामान्य हो जाती है और नुकसान से बचाव हो जाता है.

सर्दी में कितना मुनाफा? किसानों की आमदनी चौंकाने वाली

देश के कई इलाकों में मत्स्य पालन तेजी से बढ़ रहा है और किसान इससे सालाना 1 से 2 लाख रुपये तक की कमाई कर रहे हैं. 1 से 2 एकड़ तालाब से शुरू होने वाला यह व्यवसाय बड़े पैमाने पर और भी ज्यादा आय दिला सकता है. मछलियों की प्रजाति, मार्केट रेट और मांग के अनुसार मुनाफा और भी बढ़ जाता है. सही देखभाल, सही तापमान और सही आहारये तीन बातें अगर किसान सर्दियों में अपनाएं, तो मछली पालन न सिर्फ सुरक्षित रहता है बल्कि ठंड का मौसम भी कमाई का बेहतरीन मौका बन सकता है.

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