Fragrant Flowers: हर कोई चाहता है कि उसका घर हमेशा साफ-सुथरा और सुकून देने वाला लगे. खासकर जब थककर दिनभर की भागदौड़ के बाद घर लौटें, तो वहां का माहौल ऐसा हो कि सारी थकान दूर हो जाए. शाम के समय लोग अक्सर घर में अगरबत्ती या धूपबत्ती जलाते हैं, जिससे हल्की खुशबू फैलती है. लेकिन इनसे निकलने वाला धुआं कई लोगों को एलर्जी देता है. वहीं, कुछ लोग रूम फ्रेशनर का भी इस्तेमाल करते हैं, लेकिन उसकी तीखी महक भी कई बार परेशानी पैदा करती है.
ऐसे में अगर आप अपने घर में एक नैचुरल और ताजगी भरी महक चाहते हैं, तो खुशबूदार पौधे जैसे मोगरा, रात की रानी, तुलसी या लेवेंडर जैसे पौधे लगाना अच्छा विकल्प है. ये न सिर्फ आपके घर को महकाएंगे, बल्कि वातावरण को भी ताजा बनाए रखेंगे. ऐसे भी आपने भी देखा होगा कि कई लोग अपने घर की बालकनी, सीढ़ियों के पास या दरवाजे के करीब पौधे लगाते हैं, जिनकी खुशबू पूरे घर को ताजगी से भर देती है. ये पौधे न तो महंगे होते हैं और न ही इनमें से किसी तरह की एलर्जी या जलन होती है. बल्कि जब आप घर पहुंचते हैं, तो इनसे निकलने वाली खुशबू से मन फ्रेश हो जाता है.
तुलसी पौधा लगाने के फायदे
सनातन परंपरा में तुलसी का पौधा आंगन में लगाना शुभ माना गया है. आजकल जिनके पास आंगन नहीं होता, वे इसे बालकनी या घर के किसी खुले कोने में लगाते हैं. तुलसी की खुशबू न सिर्फ मन को शांत करती है, बल्कि इसकी पत्तियों से निकलने वाली हवा वातावरण को भी शुद्ध बनाती है. इसी तरह, कई लोग अपने घर में कड़ी पत्ता (करी पत्ता) का पौधा भी लगाते हैं. इसकी खुशबू शाम के समय घर को ताजगी से भर देती है. साथ ही जब भी आप सब्जी बनाएं, तो इसके पत्ते तोड़कर ताजा इस्तेमाल कर सकते हैं. यानी खुशबू भी, स्वाद भी और वो भी बिना किसी खर्च के.
रजनीगंधा- मोगरा से फैलेगी खुशबू
चंपा का पौधा बहुत अच्छी खुशबू देता है, लेकिन इसकी तेज महक के कारण कभी-कभी जहरीले कीड़े-मकोड़े इसकी ओर आकर्षित हो जाते हैं. इसलिए अक्सर लोग इसके साथ मरुवादोना का पौधा भी लगाते हैं, क्योंकि इसकी गंध ऐसे कीड़ों को दूर रखती है और संतुलन बनाए रखती है. इसके अलावा गुलाब, चमेली, रजनीगंधा, मोगरा, रात की रानी, गंधराज, पारिजात और अगस्त जैसे फूलों वाले पौधे भी काफी लोकप्रिय हैं. ये न सिर्फ घर को महकाते हैं, बल्कि इनके खूबसूरत फूल बगीचे की शोभा भी बढ़ाते हैं. खास बात ये है कि इन्हें आप गमले में भी आसानी से उगा सकते हैं और थोड़ी-सी जैविक खाद और नियमित देखभाल से ये लंबे समय तक खिलते रहते हैं.