Marigold Flower: अक्टूबर की दस्तक के साथ ही मौसम में बदलाव शुरू हो गया है. अगले महीने यानी नवंबर से सर्दी की शुरुआत हो जाएगी. इससे इंसान के साथ-साथ पशु-पक्षी और पेड़-पौधें भी प्रभावित होंगे. खास कर फूलों की फसल पर ठंड का कुछ ज्यादा ही असर देखने को मिलता है. ऐसे में फूल की खेती करने वाले किसानों को सर्दी के मौसम में कुछ ज्यादा ही सावधानियां बरतने की जरूरत है, नहीं तो फूलों को नुकसान भी पहुंच सकता है. इससे किसानों की कमाई पर भी असर पड़ेगा.
एक्सपर्ट के मुताबिक, ठंड का सबसे ज्यादा असर गेंदे के फूल पर देखने को मिलता है. इसलिए जरूरी है कि आप अपने गार्डन, क्यारी या गमले में लगे गेंदे के पौधों की सही तरीके से देखभाल करें, ताकि वे सूखें नहीं. अक्सर लोग ठंड में गेंदे के पौधे लगाते तो हैं, लेकिन पाले और सर्द हवाओं के कारण ये पौधे जल्दी खराब होने लगते हैं. इस वजह से ठंड में इनकी खास देखभाल करना जरूरी है.
इस वजह से मुरझा जाते हैं फूल
दरअसल, गेंदा का पौधा बहुत नाजुक होता है. सर्दी में जब कोहरा और पाला पड़ता है, तो ये पौधे सूखने लगते हैं. इससे लोग परेशान हो जाते हैं. लेकिन अब चिंता की जरूरत नहीं है. एक्सपर्ट के मुताबिक, ठंड के मौसम में पौधों को सही मात्रा में पानी और धूप नहीं मिल पाती. इसी कारण से वे मुरझाने लगते हैं.
ऐसे तैयार करें पालक-सरसों की खली का मिश्रण
सर्दी के मौसम में अगर आप गेंदे के पौधों को हरा-भरा और फूलों से भरा रखना चाहते हैं, तो पालक और सरसों की खली का मिश्रण बहुत काम आ सकता है. जैसे पालक हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होती है, वैसे ही यह पौधों के लिए भी पोषण से भरपूर होती है. इसमें ऐसे कई पोषक तत्व होते हैं जो ठंड में पौधे को मुरझाने से बचाते हैं और उसमें अच्छे फूल लाने में मदद करते हैं. इसे इस्तेमाल करने के लिए एक बर्तन में पालक की पत्तियां और सरसों की खली डालकर अच्छे से उबाल लें. फिर इस पानी को छानकर ठंडा कर लें. जब पानी सामान्य हो जाए, तो इससे गेंदे के पौधों में सिंचाई करें. यह तरीका सर्दियों में पौधों को ताजगी और ताकत देने के लिए बहुत असरदार है.
नीम के तेल का भी कर सकते हैं छिड़काव
वहीं, किसानों को गेंदे की फसल को कीड़ों से बचाने के लिए समय-समय पर नीम के तेल का छिड़काव करना चाहिए. साथ ही जरूरत के हिसाब से कीटनाशक दवाइयों का भी इस्तेमाल करें, ताकि फसल सुरक्षित रहे और कीटों का समय रहते इलाज हो सके. इसके अलावा सीओसी, मेटागशील और अन्य दवाइयों को पानी में मिलाकर स्प्रे किया जा सकता है. खासकर कोहरे और ठंड के मौसम में फसल की सिंचाई पर भी ध्यान देना जरूरी है, ताकि पौधे कमजोर न पड़ें.