बाढ़ के प्रकोप से नहीं उबर पाए पंंजाब के किसान, कई गांवों में नहीं हुई गेहूं बुवाई.. सैकड़ों एकड़ जमीन खाली

अगस्त 2025 की बाढ़ से कपूरथला जिले में हजारों एकड़ धान और गेहूं की फसल बर्बाद हुई. सुल्तानपुर लोधी के किसानों की खेती प्रभावित रही. राहत के लिए 2,400 बोरी गेहूं के बीज और यूरिया दान मिल रहा है. कई संगठन मदद के लिए आगे आए हैं.

Kisan India
नोएडा | Published: 14 Dec, 2025 | 11:27 AM

Punjab News: अगस्त में आए भीषण बाढ़ के चार महीने बाद भी कपूरथला जिले किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं. खासकर सुल्तानपुर लोधी के कई किसान नुकसान से अभी तक उबर नहीं पाए हैं. दरअसल, इस साल बाढ़ ने कपूरथला जिले में भारी तबाही मचाई. हजारों एकड़ में  खड़ी धान की फसल बाढ़ से तबाह हो गई. साथ ही कई खेतों पर रेत व गाद जम गई, जिससे करीब 1,500 एकड़ में इस सीजन गेहूं की बुआई नहीं हो सकी. सबसे ज्यादा प्रभावित गांवों में सफदरपुर, मांड गोइंदवाल, मांड धुंदा, फतेह अली खान वाला, खिजरपुर और मियानी मल्लाह के कुछ हिस्से, भैनी कादर बख्श और रामपुर गौरा शामिल हैं. रामपुर गौरा में तो नदी ने अपना रास्ता ही बदल लिया, जिससे खेत बह गए और जमीन खेती लायक नहीं रही.

बौपुर और रामपुर गौरा के सरपंचों ने कहा कि कई किसान इस साल भी गेहूं नहीं बो पाए  हैं, जिससे पहले धान की फसल के नुकसान के बाद परिवारों पर दोहरी मार पड़ी है. सुल्तानपुर लोधी के कृषि विकास अधिकारी जसपाल सिंह ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में करीब 90 प्रतिशत गेहूं की बुआई पूरी हो चुकी है, लेकिन अब भी लगभग 1,500 एकड़ जमीन खाली है. उन्होंने बताया कि प्रभावित किसानों की मदद के लिए विभाग की ओर से 2,400 बोरी गेहूं के बीज बांटे गए हैं.

10 लाख रुपये की यूरिया देने की पेशकश

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी बीच, कई संगठन प्रभावित किसानों की मदद के लिए आगे आए हैं. अहली कलां गांव के किसान नेताओं ने कहा कि कई समूह उर्वरक (यूरिया) दान करने के लिए उनसे संपर्क कर रहे हैं. विभाग के अधिकारियों के अनुसार, मुंबई का एक संगठन तो 10 लाख रुपये की यूरिया देने की पेशकश  कर चुका है.

क्या कहते हैं अधिकारी

अधिकारियों ने कहा कि चार महीने बाद भी किसानों के लिए मदद मिलना दिल को खुश करने वाला है और यह सहयोग आगे भी जरूरी रहेगा क्योंकि कई परिवार अपनी आजीविका फिर से स्थापित करने में लगे हैं. अहली कलां के किसान नेता रष्पाल सिंह ने कहा कि बाढ़ प्रभावित किसानों से कहा गया है कि वे अपनी सही जानकारी दें, ताकि मदद देने वाले संगठनों के साथ इसे साझा किया जा सके. उन्होंने कहा कि मदद अब भी मिल रही है और हम सभी का दिल से धन्यवाद करते हैं. बता दें कि इस साल बाढ़ ने पंजाब में भारी तबाही मचाई. करीब 4 लाख एकड़ में लगी धान, मक्का, गन्ना और कापस की फसल बर्बाद  हो गई है. वहीं, सैंकड़ों मवेशियों की भी मौत हो गई. इससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा.

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