Labour Rules Changes: केंद्र सरकार ने आज से 4 नए लेबर कोड (श्रम कानून) लागू कर दिए हैं. इसके तहत मिनिमम वेतन लागू होगा, ताकि देश में कहीं भी काम करने पर उससे कम सैलरी किसी को न दी जाए. इस फैसले से सभी तरह के कर्मचारियों के भुगतान और जीवनयापन में समानता लाने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही अप्वाइंटमेंट लेटर, समय पर सैलरी के साथ ही स्वास्थ्य और सोशल सिक्यूरिटी भी अनिवार्य की गई है. पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद यह श्रमिकों के हित में किया गया सबसे बड़ा रिफॉर्म है. यह देश के कामगारों को बहुत सशक्त बनाने वाला है. हालांकि, इसके साथ ही सप्ताह में सिर्फ 4 दिन काम की छिड़ी बहस भी थम गई है, क्योंकि नए बदलावों में इस पर अब तक कोई स्पष्टीकरण या दिशानिर्देश नहीं दिए गए हैं.
कर्मचारियों के लिए बेहतर वेतन पक्का होगा
केंद्र सरकार ने आज 21 नवंबर से देश में 4 नए श्रम कानूनों को लागू कर दिया है. कहा गया है कि इस फैसले से वर्षों पुराने कानून, जो कि काफी जटिल और बिखरे हुए थे, वो खत्म हो जाएंगे. सरकार का कहना है कि नई व्यवस्था का मकसद एक सुदृढ़ मजदूर-ढांचा तैयार करना है, जो न सिर्फ श्रमिकों की सुरक्षा बढ़ाए, बल्कि उद्योगों के लिए भी प्रतिस्पर्धात्मक माहौल तैयार होगा.
श्रम मंत्रालय ने कहा कि नए कोडों के जरिए सभी श्रमिकों को खासकर अनौपचारिक सेक्टर, गिग वर्कर्स, प्रवासी मजदूरों और महिलाओं के लिए बेहतर वेतन, सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य-सुरक्षा की गारंटी दी जाएगी.
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आजादी के बाद श्रमिक हितों में सबसे बड़ा बदलाव – पीएम मोदी
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि आज मेरे श्रमिक भाई-बहनों के लिए एक ऐतिहासिक दिन है. हमारी सरकार ने चार लेबर कोड लागू कर दिए हैं. आजादी के बाद यह श्रमिकों के हित में किया गया सबसे बड़ा रिफॉर्म है. यह देश के कामगारों को बहुत सशक्त बनाने वाला है. इससे जहां नियमों का पालन करना बहुत आसान होगा, वहीं ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा मिलेगा.
ये कोड श्रमिक भाई-बहनों के लिए सामाजिक सुरक्षा, समय पर वेतन और सुरक्षित कार्यस्थल की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे. इसके साथ ही ये बेहतर और लाभकारी अवसरों के लिए एक सशक्त नींव भी बनाएंगे. हमारी माताएं-बहनें और युवा साथी इनसे विशेष रूप से लाभान्वित होंगे. इन सुधारों के जरिए एक ऐसा मजबूत इकोसिस्टम तैयार होगा, जो भविष्य में हमारे कामगारों के अधिकारों की रक्षा करेगा और भारत की आर्थिक वृद्धि को नई शक्ति देगा. इससे नौकरियों के नए-नए अवसर तो बनेंगे ही, प्रोडक्टिविटी भी बढ़ेगी। इसके साथ ही विकसित भारत की हमारी यात्रा को भी तेज गति मिलेगी.
नए श्रम कानूनों के तहत ये बदलाव लागू होंगे
- नियुक्ति पत्र आवश्यक (Appointment Letter): अब सभी श्रमिकों को नौकरी शुरू करने के समय नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य होगा, जिससे रोजगार और शर्तों की पारदर्शिता बढ़ेगी.
- मिनिमम वेतन तय होगा: देशभर में न्यूनतम वेतन लागू होगा, ताकि कोई भी सेलरी इतना कम न हो कि जीवन यापन मुश्किल हो.
- समय पर वेतन भुगतान: नियोक्ताओं को कर्मचारियों को समय पर भुगतान करना कानूनी रूप से जरूरी होगा.
- कर्मचारियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा की गारंटी: 40 वर्ष से ऊपर के सभी श्रमिकों के लिए निःशुल्क वार्षिक हेल्थ चेकअप अनिवार्य होगा. इसके अलावा एक राष्ट्रीय OSH बोर्ड के ज़रिए उद्योगों में सुरक्षा मानकों को एकरूप किया जाएगा.
- नौकरी में महिलाओं को बराबरी मिलेगी: महिलाएं अब रात की शिफ्टों में काम कर सकेंगी, पहले कई सेक्टरों में यह इजाजत नहीं थी, लेकिन इसके लिए नियोक्ता को सुरक्षा उपाय और उनकी सहमति सुनिश्चित करनी होगी.
- अनौपचारिक श्रमिकों को सुरक्षा बेहतर: गिग वर्कर्स और प्लेटफ़ॉर्म वर्कर्स को पहली बार कानूनी पहचान मिलेगी. उन्हें PF, बीमा, पेंशन जैसे सामाजिक सुरक्षा लाभ मिल सकेंगे, और प्लेटफार्म कंपनियों को उनके लिए योगदान करना होगा.
- कानूनी अनुपालन सरल होगा: अब कई रजिस्ट्रेशन और रिपोर्टिंग की जगह सिंगल लाइसेंस, सिंगल रिटर्न मॉडल आएगा, जिससे कंपनियों का कम्प्लायंस बोझ घटेगा.