भारत की लंबी समुद्री तटरेखा है और 200 समुद्री मील तक फैला विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) हमारी मछली पकड़ने की बड़ी क्षमता रखता है. इस क्षेत्र में टूना, श्रिम्प और बिलफिश जैसी कीमती मछलियां मौजूद हैं. लेकिन अभी भारत में गहरे समुद्र में मछली पकड़ने की गतिविधियां बहुत सीमित हैं. उदाहरण के लिए, 2023 में केवल 4 जहाज ही इस काम में लगे थे, जबकि श्रीलंका के पास 1,883 और ईरान के पास 1,216 जहाज हैं.
NITI Aayog ने हाल ही में “India’s Blue Economy: Strategy for Harnessing Deep-Sea and Offshore Fisheries” रिपोर्ट जारी की है. इसका उद्देश्य भारत को गहरे समुद्र की मछली पकड़ने में मजबूत बनाना और इस क्षेत्र से रोजगार और निर्यात बढ़ाना है.
तीन चरणों में योजना
रिपोर्ट में अगले 15 साल के लिए तीन चरण तय किए हैं:
पहला चरण (2025-28): शुरुआत करना और बुनियादी काम करना.
दूसरा चरण (2029-32): उत्पादन बढ़ाना और भारत को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना.
तीसरा चरण (2033-41): भारत को गहरे समुद्र मछली पकड़ने में दुनिया में अग्रणी बनाना.
जिम्मेदार और सुरक्षित मछली पकड़ना
गहरे समुद्र में मछली पकड़ते समय नियमों का पालन बहुत जरूरी है. NITI Aayog ने कहा है कि सरकार को स्पष्ट नियम बनाना चाहिए, जो अंतरराष्ट्रीय कानून (UNCLOS) के अनुसार हों. लाइसेंस, पंजीकरण और मछली पकड़ने की अनुमति ऐसे तरीके से होनी चाहिए कि यह सतत और जिम्मेदार हो.
विशेष एजेंसी और निगरानी
रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि डीप-सी फिशिंग के लिए एक खास एजेंसी या निदेशालय बनाया जाए. यह एजेंसी नीति बनाएगी, कामकाज की निगरानी करेगी और सुनिश्चित करेगी कि मछली पकड़ने की गतिविधियां सुरक्षित और जिम्मेदार हों. इसके साथ-साथ मछली के भंडार की जानकारी जुटाने और शोध करने पर भी जोर दिया गया है.
निवेश और प्रोत्साहन
NITI Aayog ने कहा कि गहरे समुद्र मछली पकड़ने के लिए डीप-सी फिशिंग डेवलपमेंट फंड बनाया जाना चाहिए. इसमें सरकार और उद्योग दोनों का योगदान होगा. इसके अलावा, निवेश और सब्सिडी योजनाओं को सुधारकर मछली पकड़ने को आकर्षक बनाया जा सकता है.
तकनीक और बुनियादी ढांचा
मछली पकड़ने की तकनीक और जहाज की क्षमता का चयन मछली की प्रजाति और नियमों के अनुसार होना चाहिए. रिपोर्ट में कहा गया है कि जहाजों और बंदरगाहों के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने की जरूरत है ताकि मछली को सही तरीके से पकड़ा और निर्यात किया जा सके.
भविष्य की संभावनाएं
भारत के समुद्र में लगभग 7.16 मिलियन टन मछली संसाधन मौजूद हैं. अगर सरकार नीति, बुनियादी ढांचा, निवेश और अनुसंधान पर ध्यान दे, तो भारत गहरे समुद्र मछली पकड़ने में दुनिया में अग्रणी बन सकता है. इससे रोजगार, निर्यात और समुद्री अर्थव्यवस्था में भी बड़ा फायदा होगा.