6000 रुपये क्विंटल बिकता है ये गेहूं, आज ही कर दें बुवाई.. 50 किलो बीज से 20 क्विंटल होगी पैदावार

काले गेहूं में एंथोसाइनिन नामक एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबायोटिक पाया जाता है. यह तत्व हार्ट अटैक, कैंसर, डायबिटीज, तनाव, जोड़ों के दर्द और एनीमिया जैसी बीमारियों से बचाव में मदद करता है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 3 Nov, 2025 | 12:40 PM

Wheat variety: नवंबर महीने की शुरुआत होते ही किसानों ने गेहूं की बुवाई के लिए तैयारी शुरू कर दी है. खासकर मध्य प्रदेश में किसान चना के साथ-साथ इस बार बड़े स्तर पर गेहूं की बुवाई भी कर रहे हैं. हालांकि, पिछले हफ्ते मौसम में बदलाव आने के चलते खेतों में नमी बढ़ गई है. ऐसे में किसान धूप निकलने का इंतजार कर रहे हैं. जैसे ही खेत सूखेंगे, गेहूं बुवाई में तेजी आएगी. हालांकि, कई किसान गेहूं की किस्मों को लेकर असमंजस में हैं. वे फैसला नहीं कर पा रहे हैं कि कौन सी किस्म की बुवाई की जाएगी, जिससे ज्यादा पैदावार मिले. लेकिन अब ऐसे किसानों की चिंता करने की जरूरत नहीं है. आज हम गेहूं की एक ऐसी किस्म के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिसकी बुवाई करने पर बंपर पैदावार होगी.

दरअसल, हम गेहूं की जिस किस्म के बारे में बात करने जा रहे हैं, वह काला गेहूं है. यानी यह गेहूं देखने में काला होता है. इसमें एंथोसाइनिन नामक एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबायोटिक पाया जाता है. यह तत्व हार्ट अटैक, कैंसर, डायबिटीज, तनाव, जोड़ों के दर्द और एनीमिया जैसी बीमारियों से बचाव में मदद करता है. यही कारण है कि आज इसके दाम और मांग दोनों लगातार बढ़ रहे हैं. अगर मध्य प्रदेश के किसान काले गेहूं  की खेती करते हैं, तो ज्यादा मुनाफा होगा.

105 से 120 दिनों में तैयार हो जाती है फसल

लेकिन काले गेहूं की बुवाई करने से पहले खेत को खास तरीके से तैयार करना होगा. इसके बाद प्रति एकड़ करीब 50 से 80 किलो बीज बोया जाता है. यह फसल लगभग 105 से 120 दिनों में तैयार हो जाती है और सही देखभाल करने पर किसानों को सामान्य गेहूं  की तुलना में काफी अधिक पैदावार मिलती है.

कितना है काले गेहूं का रेट

अभी मार्के’ में इसका भाव सामान्य गेहूं से कहीं ज्यादा है. फिलहाल काले गेहूं की कीमत 4,000 से 6,000 रुपये प्रति क्विंटल तक है, जो साधारण गेहूं से लगभग दोगुनी है. यानी अगर किसान काले गेहूं की खेती करते हैं, तो अच्छी कमाई  कर सकते हैं. बात अगर पैदावार की करें तो काले गेहूं की खेती से किसान 14 से 20 क्विंटल प्रति एकड़ तक का उत्पादन ले सकते हैं. आजकल बड़े शहरों में काले गेहूं की मांग तेजी से बढ़ रही है. लोग इसे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद मानते हैं, इसलिए व्यापारी इसे अच्छे दामों पर खरीदते हैं.

काले गेहूं की खेती का चलन तेजी से बढ़ा है

खास बात यह है कि पिछले चार से पांच सालों में काले गेहूं की खेती का चलन तेजी से बढ़ा है, क्योंकि यह औषधीय गुणों  से भरपूर होता है. इस किस्म की खेती करने वाले किसान सामान्य गेहूं की तुलना में ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं. कोरोना महामारी के बाद से लोग अपने स्वास्थ्य और इम्यूनिटी को लेकर अधिक जागरूक हो गए हैं, इसलिए अब बाजार में ऐसे उत्पादों की मांग बढ़ रही है जो शरीर को मजबूत बनाएं.

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Published: 3 Nov, 2025 | 12:37 PM

गेहूं की उत्पत्ति किस क्षेत्र से हुई थी?

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