Potato cultivation: उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में आलू की रोपाई शुरू हो गई है. वहीं, कई किसान ऐसे भी हैं, जो अभी खेत ही तैयार कर रहे हैं. लेकिन ये किसान अभी तक आलू की किस्मों को लेकर असमंजस में हैं. वे निर्णय नहीं ले पा रहे हैं, आलू की कौन सी किस्म की बुवाई की जाए, जिससे ज्यादा पैदावार मिले. लेकिन अब ऐसे किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. आज हम आलू की ऐसी किस्मों के बारे में बात करेंगे, जिसकी खेती करने पर किसानों की बंपर कमाई होगी. मार्केट में इन उन्नत किस्मों को सामान्य आलू के मुकाबले ज्यादा रेट मिलेगा.
दरअसल, हम जिन किस्मों के बारे में बात करने जा रहे हैं, उसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल चिप्स और कुरकुरे बनाने में किया जाता है. बड़ी-बड़ी कंपनियां इन किस्मों को ज्यादा कीमत पर किसानों से खरीदती हैं. अगर किसान इन किस्मों की खेती करते हैं, तो उनकी किस्मत बदल सकती है. तो आइए जानते हैं आलू की इन बेहतरीन किस्मों के बारे में
प्रति हेक्टेयर 25-30 टन है पैदावार
कुफरी चिप्सोना-1ः यह आलू की सबसे उन्नत किस्म है. यह सामान्य आलू के मुकाबले महंगा बिकता है. इसका इस्तेमाल चिप्स- कुरकुरे बनाने में किया जाता है. इसमें स्टार्च 21 फीसदी से ज्यादा और शुगर काफी कम होता है, जिससे चिप्स सुनहरे और कुरकुरे बनते हैं. खास बात है कि यह जल्दी पकने वाली किस्म है. इसमें बीमारियों के प्रति अच्छी रोग-प्रतिरोधक क्षमता होती है. यानी इसकी बुवाई करने पर किसानों को कीट और रोगों की चिंता नहीं रहेगी. ऐसे इसकी पैदावार 25-30 टन प्रति हेक्टेयर है.
किसानों की कमाई में होगी बढ़ोतरी
कुफरी चिप्सोना: यह वैरायटी चिप्स की क्वालिटी के लिए बेहतरीन मानी जाती है. इसमें शुगर लेवल बहुत कम होता है, इसलिए स्टोरेज के दौरान मिठास नहीं आती और इसे लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है. यानी इसे लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है. इसकी पैदावार 30-35 टन प्रति हेक्टेयर है. यह किस्म खासतौर पर मैदानी इलाकों के लिए उपयुक्त मानी गई है. अगर किसान इन किस्मों की खेती करते हैं, तो सीधा प्रोसेसिंग यूनिट्स को सप्लाई कर सकते हैं. इससे कमाई में बढ़ोतरी होगी.
कुफरी हिमसोना की क्या है खासियत
कुफरी हिमसोना: इस किस्म को पहाड़ी इलाकों के लिए विकसित किया गया है. यह आलू की ऐसी वैरायटी है जो ठंडे यानी कम तापमान वाले इलाकों में भी अच्छी उपज देती है. चिप्स बनाने के लिए यह बहुत बेहतरीन किस्म मानी जाती है. इसका उत्पादन 20 से 25 टन प्रति हेक्टेयर है.
ऐसे अक्सर किसान आलू को मंडी में बेचते हैं, जहां दाम सिर्फ 6 से 10 रुपये प्रति किलो मिलते हैं. लेकिन अगर वही आलू चिप्स बनाने वाली फैक्ट्रियों को बेचा जाए, तो दाम 15 से 20 रुपये प्रति किलो तक मिल सकते हैं. यानी किसानों को सीधे दोगुना मुनाफा हो सकता है.