Punjab News: पंजाब में कल से गेहूं की बुवाई शुरू होने जा रही है, लेकिन इस बार किसानों को डाई-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) खाद की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है. पहले से आर्थिक संकट झेल रहे किसान खुले बाजार से यह खाद महंगे दामों पर और कीटनाशक की पैकिंग के साथ खरीदने को मजबूर हैं. हालांकि, गेहूं की फसल के लिए पंजाब को करीब 5.50 लाख मीट्रिक टन DAP की जरूरत है, जबकि फिलहाल राज्य में सिर्फ 3.50 लाख मीट्रिक टन स्टॉक मौजूद है. अगले हफ्ते तक लगभग 40,000 मीट्रिक टन खाद आने की उम्मीद है. नवंबर में और स्टॉक मिलने की संभावना है, लेकिन बुवाई शुरू होते ही कमी से किसानों में घबराहट है. पिछले साल रबी सीजन में राज्य को केवल 4 लाख मीट्रिक टन DAP ही मिला था.
सरकार का कहना है कि जल्द ही पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध हो जाएगा, लेकिन रूपनगर, फतेहगढ़ साहिब, संगरूर और पटियाला जिलों के किसान गंभीर कमी की शिकायत कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के पास खाद नहीं है, जबकि निजी व्यापारी इसे महंगे दामों पर बेच रहे हैं. जहां सरकारी रेट 1,350 रुपये प्रति बैग है, वहीं निजी विक्रेता 1,800 रुपये से 2,000 रुपये तक वसूल रहे हैं और हर बैग के साथ अनावश्यक कीटनाशक भी थमा रहे हैं.
‘रेक हैंडलर’ के खिलाफ एफआईआर दर्ज
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, आप सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने महंगे दामों पर DAP बेचने वाले या किसानों पर अन्य उत्पाद थोपने वाले व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने राज्य के विधायकों की उस मांग का समर्थन किया जिसमें ऐसे दुकानदारों पर FIR दर्ज कर उनके लाइसेंस रद्द करने की बात कही गई है. रूपनगर के विधायक दिनेश चड्ढा की शिकायत पर कुछ दिन पहले राज्य में डीएपी की आपूर्ति संभालने वाले ‘रेक हैंडलर’ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिसके पास खाद वितरण का लाइसेंस था.
नहीं है पर्याप्त DAP स्टॉक
कोऑपरेटिव सोसाइटीज एम्प्लॉइज यूनियन के अध्यक्ष बहादुर सिंह ने कहा कि राज्य की ज्यादातर 3,520 सहकारी समितियों के पास अपने सदस्यों की जरूरत पूरी करने के लिए पर्याप्त DAP स्टॉक नहीं है. उन्होंने कहा कि फतेहगढ़ साहिब जिले में पिछले पंद्रह दिनों से एक भी बोरी DAP नहीं आई है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, अब तक 1.65 लाख मीट्रिक टन DAP सहकारी समितियों को दी जा चुकी है.
दुकानदार वसूल रहे ज्यादा रकम
पटियाला के कुलारन गांव के किसान दर्शन सिंह ने कहा कि निजी व्यापारी दुकानों पर DAP के साथ कीटनाशक जोड़कर किसानों से पैसे ले रहे हैं, लेकिन खाद की डिलीवरी घर पर कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि व्यापारी नहीं चाहते कि किसानों को पता चले कि उन्होंने DAP के बैग कहां रखे हैं. कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुदियान ने द ट्रिब्यून से बातचीत में कहा कि विभाग पूरी कोशिश कर रहा है, ताकि राज्य में DAP खाद की पूरी जरूरत पूरी की जा सके और बेईमान व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि किसानों को लूट से बचाने के लिए राज्य की कुल DAP आपूर्ति में से 60 फीसदी हिस्सा सहकारी समितियों के जरिए वितरित किया जा रहा है, ताकि खाद सही दाम पर किसानों तक पहुंच सके.