Bihar News: प्रदेश में खाद वितरण को लेकर बिहार के उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने स्पष्ट रूप से कहा है कि खरीफ 2025 के मौसम में प्रदेश में किसानों तक खाद-उर्वरक समय पर पहुंचाया जा रहे हैं और ये काम सुचारू रूप से किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि प्रदेश में उर्वरक की कोई कमी नहीं है. उन्होंने बताया कि खाद-उर्वरक की बिक्री और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ भी कठोर कदम उठाए गए हैं, जिसके तहत कई दुकानों के लाइसेंस भी रद्द कर दिए गए हैं. कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों को समय पर उनकी जरूरत के हिसाब से उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए लगातार कोशिशों में लगी हुई है.
उर्वरकों का पर्याप्त स्टॉक है उपलब्ध
कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने बताया कि प्रदेश में अलग-अलग उर्वरकों का स्टॉक उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में 1.26 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 1.60 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 1.94 लाख मीट्रिक टन एनपीके, 0.61 लाख मीट्रिक टन एमओपी और 0.96 लाख मीट्रिक टन एसएसपी प्रदेश में उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि इस साल खरीफ सीजन के लिए केंद्र सरकार की तरफ से बिहार के लिए 10.32 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 2.20 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 2.50 लाख मीट्रिक टन एनपीके, 0.50 लाख मीट्रिक टन एमओपी और 0.75 लाख मीट्रिक टन एसएसपी का स्टॉक तय किया गया था. उन्होंने आगे बताया कि बिहार कृषि विभाग लगातार ये सुनिश्चित कर रहा है कि किसानों तक उर्वरक सही समय पर पहुंचाई जाए.
255 खाद विक्रेताओं के लाइसेंस रद्द
बिहार कृषि विभाग द्वारा सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी के अनुसार, प्रदेश में खाद बिक्री में होने वाली गड़बड़ी और कालाबाजारी को रोकने के लिए सरकार लगातार कठोर कदम उठा रही है. बता दें कि, अबतक खाद बिक्री में गड़बड़ी पाए जाने पर सरकार की ओर से 53 खाद-उर्वरक विक्रेताओं पर एफआईआर (FIR) और 255 खाद बेचने वाली दुकानों के लाइसेंस रद्द किए जा चुके हैं. कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार की तरफ से की गई ये कार्रवाई किसानों के हितों की सुरक्षा और उर्वरकों की बिक्री में पूरी पारदर्शिता बनाए रखने के लिए की गई है.
कृषि अधिकारियों को सख्त निगरानी के निर्देश
बिहार में सीमा से सटे जिलों में खाद की तस्करी रोकने के लिए विशेष छापामारी अभियान तेज कर दिया गया है. इस अभियान के तहत सशस्त्र सीमा बल और कृषि विभाग मिलकर काम कर रहे हैं. साथ ही कृषि मंत्री ने सभी जिलों के कृषि अधिकारियों को ये सख्त निर्देश दिए हैं कि सभी किसानों तक समय पर खाद पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए और खाद दुकानों में POS मशीन की मदद से खाद स्टोरेज की मिलान जरूर की जाए.