इस राज्य में किसान धड़ल्ले से कर रहे नैनो यूरिया का इस्तेमाल, अभी तक 20000 बोतल खाद की बिक्री

तेलंगाना में यूरिया की कमी के चलते किसान नैनो यूरिया की ओर बढ़ रहे हैं. राजन्ना-सिरिसिल्ला में 20,000 बोतलें बिक चुकी हैं. सरकार इसे बढ़ावा दे रही है. वहीं, करीमनगर में अवैध यूरिया परिवहन रोकने के लिए टास्क फोर्स बनाई गई है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 22 Aug, 2025 | 04:11 PM

तेलंगाना में यूरिया की भारी कमी से जूझ रहे किसानों के बीच अब धीरे-धीरे नैनो यूरिया का उपयोग बढ़ रहा है. सरकार की पहल से प्रेरित होकर खासतौर पर राजन्ना-सिरिसिल्ला जिले में नैनो यूरिया की बिक्री में तेजी देखी जा रही है. जिला कृषि अधिकारी अफजल बेगम ने कहा कि जिले को करीब 13,000 मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत है, लेकिन अब तक सिर्फ 3,200 मीट्रिक टन ही मिला है. जिसे छोटे और मझोले किसानों को प्राथमिकता के आधार पर दिया जा रहा है. खास बात यह है कि अभी तक केवल राजन्ना-सिरिसिल्ला जिले में ही आधा लीटर वाली नैनो यूरिया की 20,000 बोतलें बिक चुकी हैं. इसके इस्तेमाल से किसानों को अच्छा रिजल्ट मिल रहा है.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जिला कृषि अधिकारी का कहना है कि यूरिया की कमी से निपटने के लिए हम किसानों को नैनो यूरिया के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. हमारी अपील है कि किसान घबराएं नहीं, दानेदार यूरिया की जगह नैनो यूरिया का उपयोग करें. यह नैनो तकनीक पर आधारित तरल खाद है, जो पौधों को नाइट्रोजन उपलब्ध कराता है. जिला कृषि अधिकारी अफजल बेगम ने कहा कि इस खरीफ सीजन के दौरान जिले में लगभग 2.4 लाख एकड़ में धान की खेती हो रही है. उन्होंने कहा कि अब तक किसानों ने आधा लीटर वाली नैनो यूरिया की 20,000 बोतलें खरीदी हैं. किसान इसे अपने खेतों में छिड़काव कर रहे हैं और इसके परिणामों से संतुष्ट हैं.

गैरकानूनी यूरिया परिवहन पर सख्ती

वहीं, पुराने करीमनगर जिले में यूरिया की जमाखोरी और अवैध परिवहन पर रोक लगाने के लिए पुलिस, राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारियों की एक विशेष टास्क फोर्स टीम बनाई गई है. करीमनगर की जिला कृषि अधिकारी जे भाग्यलक्ष्मी के मुताबिक, सीमावर्ती इलाकों में चेक पोस्ट भी स्थापित किए गए हैं, ताकि इस तरह की गतिविधियों को रोका जा सके.

किसानों को 43,450 मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत

करीमनगर में किसानों को नैनो यूरिया के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि इस खरीफ सीजन में यहां करीब 3.2 लाख एकड़ में धान की खेती हो रही है. किसानों को 43,450 मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत है, लेकिन अब तक सिर्फ 27,000 मीट्रिक टन ही जिले में पहुंच पाया है. यूरिया की इस कमी को दूर करने के लिए नैनो यूरिया को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके तहत जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और शंकरपट्टनम मंडल के मेटपल्ली गांव में नैनो यूरिया के उपयोग का डेमो भी किसानों को दिखाया गया है.

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Published: 22 Aug, 2025 | 04:08 PM

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