तेलंगाना के किसानों के लिए राहतभरी खबर है. उब उन्हें एक बोरी खाद के लिए घंटों इंतजार नहीं करना पड़ेगा. कृषि मंत्री थुम्मला नागेश्वर राव ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि राज्यभर के रैतु वेदिकाओं में तुरंत अतिरिक्त यूरिया बिक्री केंद्र खोले जाएं. उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को खाद आसानी से उपलब्ध कराने के लिए विशेष उपाय किए हैं. कुछ जगहों पर पहले से शुरू की गई नई वितरण व्यवस्था के अच्छे नतीजे मिले हैं, इसलिए अब पूरे राज्य में इसे बढ़ाने का फैसला लिया गया है.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री ने किसानों से अपील की कि वे जरूरत से ज्यादा यूरिया न खरीदें और स्टॉक जमा न करें. जिन मंडलों में केवल एक या दो पैक्स (PACS) हैं, वहां किसानों को रैतु वेदिकाओं के जरिए सेवा दी जाएगी. उन्होंने कहा कि खरीफ सीजन में यूरिया की कमी को देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र से अगले 20 दिनों में 2 लाख टन यूरिया की मांग की है. केंद्र ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और जरूरत के मुताबिक यूरिया पूर्वी तट के बंदरगाहों पर आने वाले चार जहाजों के जरिए तेलंगाना को उपलब्ध कराने की मंजूरी दी है.
30,000 टन यूरिया की मंजूरी
केंद्र सरकार ने तेलंगाना को घरेलू उत्पादन इकाइयों से अतिरिक्त 30,000 टन यूरिया देने की मंजूरी दी है. यह फैसला रामागुंडम के आरएफसीएल (RFCL) प्लांट में उत्पादन बंद होने के चलते लिया गया है. कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र से रामागुंडम प्लांट को फिर से शुरू करने का अनुरोध किया गया है और अगले 3-4 दिनों में यह प्लांट फिर से चालू हो जाएगा.
11,000 टन यूरिया की आपूर्ति
शुक्रवार को जीएसएफसी, आईपीएल, सीआईएल-कारैकल और सीआईएल-काकीनाडा कंपनियों के जरिए करीमनगर, मिर्यालगुड़ा, वारंगल और पेद्दापल्ली रेलवे रेक पॉइंट्स पर 11,181 टन यूरिया पहुंचा. मंत्री ने कहा कि शनिवार को एमएफएल, कृभको और सीआईएल-कृष्णापटनम से 9,039 टन यूरिया वारंगल, सनाथनगर और करीमनगर पहुंचेगा. उन्होंने आगे कहा कि सितंबर के पहले चार दिनों में राज्य को 28,000 मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति की जा चुकी है. इस साल अब तक कुल 8,20,112 मीट्रिक टन यूरिया बिक चुका है, जबकि पिछले साल इसी समय तक यह आंकड़ा 7,75,157 मीट्रिक टन था.
खाद की किल्लत और किसान परेशान
वहीं, पिछले महीने खबर सामने आई थी कि तेलंगाना में इस खरीफ सीजन में यूरिया की भारी कमी हो गई है,जिससे किसान परेशान हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने खरीफ 2025 के लिए तेलंगाना को 9.8 लाख मीट्रिक टन यूरिया आवंटित किया था, जिसमें से अगस्त तक 8.3 लाख मीट्रिक टन की जरूरत थी. लेकिन अब तक राज्य को सिर्फ 5.42 लाख मीट्रिक टन ही मिला है, यानी करीब 2.88 लाख मीट्रिक टन की कमी है.